उदयपुर। सर्व पितृ अमावस्या पर शुक्रवार को श्राद्ध पूर्ण हो जाएंगे और शनिवार को शारदीय नवरात्रि की विधि विधान से स्थापना होगी। शहर के तमाम शक्तिपीठों पर सजावट आदि की तैयारियां शुरू हो गई हैं। शहर के अंबा माता, नीमज माता, बेदला माता, करणी माता, चामुंडा माता, आवरी माता, हाथीपोल स्थित कालिका माता आदि शक्तिपीठों पर नवरात्रि के विशेष पूजा अनुष्ठान होंगे।
मोहल्लों में सजे पांडाल
गली मोहल्लों में गरबा, डांडिया उत्सवों की तैयारियां जोरों पर होने लगी हैं। सुथारवाड़ा में 80 फीट ऊंचाई वाला दरबार सजाया जाने लगा है। इसी तरह से आयड़ स्थित सुथारवाड़ा में भी ऊंचा पांडाल सज गया है।
नवमी पूजा पर होगा रावण दहन
इस बार शारदीय नवरात्र में 13 अक्टूबर को महा नवमी के साथ ही दशहरा पर्व भी मनाया जाएगा। ज्योतिषविदों के मुताबिक दशहरा सायंकाल दशमी तिथि में मनाया जाता है। इस बीच श्रवण नक्षत्र का संयोग भी श्रेष्ठ माना गया है। पंडित डॉ. भवानी शंकर व्यास ने बताया कि नवमी तिथि 12 अक्टूबर को दोपहर 3.26 बजे शुरू होकर 13 अक्टूबर को दोपहर 1.17 बजे तक रहेगी। इसके बाद दशमी दशमी तिथि शुरू होगी। जो 14 अक्टूबर को सुबह 11.15 बजे तक रहेगी। इसलिए 13 अक्टूबर को सायंकालीन दशमी तिथि में ही रावण दहन होगा।
माताजी की तस्वीरें वितरित
झीलों में प्रतिमाएं विसर्जित नहीं करते हुए पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया जाने लगा है। बजरंग सेना मेवाड़ की ओर से गरबा मंडलों को माताजी की तस्वीरें वितरित की गई। निश्चय कुमावत, धीरेंद्र सिंह सच्चान, मेलड़ी माता मंदिर के महंत विरम देव के हाथों गरबा मंडलों को तस्वीरें दी गई। इस दौरान कमलेंद्र सिंह पंवार, शंकर माली, विजय सिंह, शंकर पंवार, मदन सालवी, रमेश, देवीसिंह राठौड़ आदि मौजूद थे।