बिजली मीटर की हो रही है ‘बाईपास सर्जरी

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DSC_1224-300x199उदयपुर। शहर में बिजली के इलेक्ट्रोनिक मीटर के साथ छेड़छाड़ करके धीमा करने वाला एक गिरोह सक्रिय है, जो बिजली निगम को चूना लगा रहा है। शहर की अधिकतर कॉलोनियों में बिजली का मीटर धीमा करने का खेल धड़ल्ले पर चल रहा है। कभी-कभी किसी एरिया में कोई फ्लाइंग आती है, तो चेकिंग होती है और इक्का-दुक्का पर कुछ जुर्माना लगाया जाता है। अन्यथा बिजली चोरी का यह काम अबाध जारी है। इस बदमाश गिरोह ने इस कारस्तानी को क्रइलेक्ट्रीक बाइपास सर्जरीञ्ज नाम दिया है।

बाहर से आता है गिरोह: मीटर धीमा करने वाले ये एक्सपर्ट शहर में तो कुछ ही है, लेकिन कुछ जयपुर व इंदौर के खास एक्सपर्ट है, जो हफ्ते-15 दिन में एक चक्कर शहर का लगाते हैं और बड़ी सफाई से मीटर में अपनी कारस्तानी बता कर उसे धीमा कर देते हैं। मीटर की गति मनचाहे अनुसार 80 प्रतिशत तक धीमा हो जाती है। गति के हिसाब से ये एक्सपर्ट पांच से दस हजार रुपए तक मकान मालिक से वसूलते हैं।

ऐसे होती कारस्तानी

मीटर की सील को बीच से ऐसे काटा जाता है कि वह फिर से चिपक जाए। मीटर खोलकर मुख्य लाइन के एक फेस के तार को बाइपास के जरिये सीधे परिसर की लाइन में जोड़ दिया जाता है। इससे सिर्फ एक ही फेस की बिजली मीटर में दर्ज होती है और स्पीड 80 फीसदी तक कम हो जाती है। कुछ खास एक्सपर्ट अपने जुगाड़ के बनाए स्पेशल रिमोट के जरिये बिना सील तोड़े इलेक्ट्रोनिक मीटर में गड़बड़ी कर स्पीड को कंट्रोल कर लेते है। फिर सील वैसे ही चिपका दी जाती है। कुछ एक्सपर्ट मीटर की गति कम कराने के हिसाब से रुपया लेते है। यदि आपको मीटर की गति आधी रखनी है, तो पांच हजार रुपए, 60 फीसदी कम करनी है, तो सात हजार रुपए और 80 फीसदी कम करनी है, तो आठ से 10 हजार रुपए तक चार्ज करते हैं। शहर के अंदरूनी इलाको और कच्ची बस्तियों में तो हर चौथे घर का मीटर धीमा है। बाहर से आने वाले एक्सपर्ट के दलाल यहां पर सक्रिय है, जो लोगों से संपर्क करके उनके मीटर की गति धीमी कराते हैं। हर सप्ताह ये एक्सपर्ट यहां आते हैं और दलालों के जरिये बिजली उपभोक्ताओं से संपर्क करके इलेक्ट्रोनिक मीटर को धीमा करने का काम करते हैं।

: मीटर धीमा करना या मीटर के साथ छेड़छाड़ कानूनी जुर्म है। लोग बिजली बचाने का नहीं सोचते और चोरी के रास्ते अपनाते हैं। शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाती है। धीमे किए हुए मीटर को ऊपर से देखने पर पता नहीं चलता है, लेकिन किसी भी मीटर में अंदर से या रिमोट से छेड़छाड़ करके उसे धीमा किया जा सकता है। ऐसे कई शातिर है, जो ऐसे काम को अंजाम देते हैं। समय-समय पर विभाग द्वारा जांच कर कार्रवाई की जाती है। जुर्माना भी लगाया जाता है। -मनीष चौधरी, जेईएन, विद्युत निगम

 

Shabana Pathan
Shabana Pathanhttp://www.udaipurpost.com
Contributer & Co-Editor at UdaipurPost.com

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