उदयपुर। महीने भर रोजे रखने के बाद देशभर में शुक्रवार को ईद का त्योहार हर्षोल्लास से मनाया गया, जबकि उदयपुर संभाग में केवल राजसमंद जिले तथा डूंगरपुर के कुछ क्षेत्रों में ही आज ईद-उल-फितर की नमाज पढ़ी गई। बाकी जगह शनिवार को ईद मनाई जाएगी।
मुस्लिम समुदाय के पवित्र माह रमजानुल मुबारक के आखिरी रोजे तथा ईद का त्योहार मनाने को लेकर असमंजस की स्थिति रही। शहर में गुरुवार शाम को इफ्तार करने व मगरिब की नमाज पढऩे के बाद ईद का चांद ढूंढने के लिए लोग खुले मैदानों तथा मकानों की छतों पर चढ़े, लेकिन आसमान में बादल छाए रहने तथा मौसम साफ नहीं होने के कारण चांद का दीदार नहीं हो पाया, साथ ही आसपास के किसी अन्य क्षेत्र से भी चांद दिखने की शहादत (गवाही) नहीं मिलने के कारण ईशा की नमाज के साथ तरावीह की नमाज भी अदा की गई और शुक्रवार को 30वां रोजा रखने का निर्णय लिया गया। संभाग के चित्तौडग़ढ़, प्रतापगढ़, राजसमंद, डूंगरपुर और बांसवाड़ा में भी चांद नहीं दिखा, जिससे देर रात तक असमंजस की स्थिति बरकरार रही। वहीं भीलवाड़ा में भी चांद नहीं दिखने के कारण यहीं स्थिति रही। देशभर में चांद दिखने की खबरें आने के कारण स्थिति पशोपेश की हो गई, लेकिन चांद नहीं दिखने तथा आसपास के क्षेत्रों से भी कोई सूचना नहीं मिलने पर अंतत: ईशा की नमाज के साथ तरावीह भी पढ़ ली गई।
देर रात हुआ ऐलान
उदयपुर में कहीं भी चांद नहीं दिखने पर शुक्रवार को रोजा रखने का निर्णय किया गया, लेकिन राजसमंद में देर रात चांद दिखने की शहादत मिलने पर कुछ क्षेत्रों में ईद शुक्रवार को मनाने का निर्णय लिया। देसूरी के समीप रानी गांव की एक मस्जिद के पेश इमाम द्वारा चांद देखने की सूचना के बाद राजसमंद से राजनगर मस्जिद और मदीना मस्जिद के इमाम वहां (रानी) शहादत लेने के लिए करीब 11 बजे रवाना हुए, उनके वहां से लौटने तथा गवाही मिलने के बाद देर रात लगभग दो बजे शुक्रवार को ही ईद का त्योहार मनाने का ऐलान किया गया। अजमेर में भी शुक्रवार को ही ईद मनाने की सूचना मिलने पर डूंगरपुर जिले के गढ़ी, परतापुर, गलियाकोट में भी आज ही ईद मनाने का ऐलान हुआ। वहीं अजमेर वालो ने जयपुर वालों की शहादत पर शुक्रवार को ईद मनाना तय किया। भीलवाड़ा जिले में सुबह पांच बजे ईद का त्यौहार आज मनाने का ऐलान किया गया हालांकि इस दौरान लोगों ने सेहरी भी कर ली थी। कपासन में भी आज ईद मनाई गई।