उदयपुर। राजस्थान सरकार का जल संसाधन विभाग सार्वजनिक धन को बर्बाद करने पर उतर आया है। इस विभाग ने अनास नदी से जयसमंद और राजसमंद भरने की योजना बनाई है। यह उलटी गंगा बहाने के लिए हजारों करोड़ रुपए खर्च होंगे। कुल कितना खर्च आएगा इसका अनुमान भी अभी नहीं है। विभाग ने इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने के लिए साढ़े चार करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान लगाया है। जल्दी ही उस कंपनी को डीपीआर बनाने का ठेका दे दिया जाएगा, जिसके नाम क्रटेंडरञ्ज खुलेगा। टेंडर मांग लिए गए हैं। इस परियोजना में पानी लिफ्ट किया जाना है, जिसके लिए बिजली की अतिरिक्त व्यवस्था करनी होगी। अनास नदी का पानी उदयपुर जिले के जयसमंद, राजसमंद जिले की राजसमंद और भीलवाड़ा जिले के मेजा बांध को भरने के लिए लाया जाना है। यह पानी माही, सोम, बनास और आयड़ नदी को लांघ कर लाया जाना है।
इस बारे में जल संसाधन विभाग के डिप्टी चीफ इंजीनियर सुमनेश माथुर से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि विभाग के पास दक्ष व्यक्तियों का अभाव है, इसलिए डीपीआर बाहरी कंपनियों से बनवाई जाती है। हमारे पास संसाधन भी नहीं है इसलिए ठेकेदार कंपनियों से निर्माण कार्य करवाया जाता है। जब उनसे यह पूछा गया कि क्रफिर तो ऐसी परियोजना भी वे कंपनियां ही सुझाती होगी? तो उनका कहना था कि आप क्रनेगेटिवञ्ज ही क्यों सोचते हो, विकास का काम है, पोजेटिव सोचा करो।ञ्ज
श्री माथुर से जब यह पूछा गया कि देवास का पानी उदयपुर लाने में ही इतने बरस से पसीना आ रहा है, तो यह उलटी गंगा बहाने में कितना समय लगेगा? इस पर उनका कहना था कि यह तो अभी नहीं बता सकते। वैसे जल्द ही साढे-चार करोड़ का टैंडर खोलकर डीपीआर का ठेका दे दिया जाएगा।
अफसरों ने की उल्टी गंगा बहाने की तैयारी
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