उदयपुर। मेवाड़ राजघराने के उत्तराधिकारी श्री लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ ने कहा है कि उनके राजनीति में जाने की अटकले पिछले पांच साल से चल रही है, लेकिन उन्होंने अभी तक इस बारे में कोई फैसला नहीं किया है।
जब उनसे कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ निकटता के बाद अब अचानक भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वसुंधरा राजे से हुई भेंट से चल रही नई चर्चाओं के बीच अपना रुख स्पष्ट करने के बारे में जानकारी चाही तो वे टाल गए। उनका कहना था कि जब राजनीति में जाने के बारे में ही कुछ तय नहीं हैं तो पार्टी के बारे में कैसे बता सकता हूं। लक्ष्यराजसिंह के राजनीति में आने की चर्चाएं दो साल पहले गोगुन्दा में कांग्रेस पार्टी की ओर से आयोजित एक समारोह में शुरू हुई, जिसमें तत्कालीन केन्द्रीय मंत्री डॉ. सी.पी. जोश्ी ने उन्हें राजनीति में आकर राहुल गांधी के हाथ मजबूत करने का सार्वजनिक न्यौता दिया था। उसके बाद लक्ष्य राज ने कांग्रेस के कई कार्यक्रमों में शिरकत की, जहां उन्हें जबरर्दस्त सम्मान दिया गया। बाद में वे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ भी मंच शेयर करते दिखाई पड़े। राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने तो शर्तें लगाना भी शुरू कर दिया कि कांग्रेस लक्ष्यराजसिंह को उदयपुर से एमएलए का चुनाव लड़वा कर विधानसभा में ले जाएगी। उनका यह भी कहना था कि भाजपा के दिग्गज नेता गुलाबचंद कटारिया के सामने कांग्रेस की ओर से एक मात्र लक्ष्यराजसिंह ही जीताऊ उम्मीदवार हो सकते है।
इस बीच भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वसुंधरा राजे से लक्ष्यराजसिंह की मुलाकात ने मेवाड़ की राजनीति में सरगर्मी शुरू कर दी है। अब तक कांग्रेसनेताओं की निकटताके कारण जो कयास लगाए जा रहे थे, उन्हें श्री लक्ष्यराजसिंह की सगाई उड़ीसा के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष कनकवद्र्धन सिंह की बेटी निवृत्तिकुमारी सिंह से होने के कारण बहुत झटका लगा है। फिलहाल यह कहा जा सकता है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां लक्ष्यजरासिंह को अपनी ओर लाने के गंभीर प्रयास कर रही है। हालांकि लक्ष्यजराजसिंह अपने पन्ने नहीं खोल रहे है।
वसुंधरा, लक्ष्यराज की मुलाकात लेकिन राजनीति में जाना तय नहीं !
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