12 हजार नहीं देने पर जेल में दी फांसी

Date:

पुलिस ने किया आत्महत्या का मामला दर्ज, परिजन कराएंगे हत्या का मामला दर्ज

9551_47उदयपुर। उदयपुर की सेंट्रल जेल में बंदियों से नकद वसूली का खौफनाक चेहरा सामने आया है। घरवालों द्वारा 12 हजार रुपए समय पर नहीं पहुंचाने पर एक बंदी को फांसी पर लटका दिया गया। जेल प्रशासन इसको आत्महत्या बता रहा है, जबकि  सूत्र इसमें जेल अफसरों की भी परोक्ष मिलीभगत बता रहे है। उनका कहना है कि जेल में बंदियों को पैसे की जरूरत पिटाई से बचने तथा नशीली वस्तुएं मंगवाने के लिए पड़ती है। वसूली के लिए बंदियों की पिटाई या तो जेल अधिकारी करते है या वे अन्य बंदियों से ऐसा करवाते हैं, जिससे उन्हें ऊपर की अच्छी कमाई हो जाती है। पहले तो ‘वसूली’ के लिए पिटाई ही होती थी, लेकिन अब तो ‘हत्या’ तक की जाने लगी है। उल्लेखनीय है कि युवक दिनेश बलात्कार के आरोप में न्यायिक हिरासत में बंद था और 12 हजार रुपए नहीं देने पर परसों रात उसे फांसी पर लटका दिया गया।

बंदी दिनेश की हत्या परसों रात को की गई। जेल अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने कल शाम को टॉयलेट में शव देखा। शव के हाथ-पांव बंधे हुए थे फिर भी पुलिस ने आत्महत्या का मामला दर्ज किया है। वैसे यह मामला न्यायिक हिरासत में हत्या तथा मानवाधिकारों के उल्लंघन का है।
वहीं आज सुबह एमबी अस्पताल के मुर्दाघर के बाहर मृतक बंदी दिनेश के पिता ने खुलासा किया है कि जेल में अन्य कैदियों द्वारा दिनेश के साथ आए दिन मारपीट की जाती थी। दो दिन पहले ही दिनेश ने फोन करके उसकी बहन सीता को बताया था कि ‘जेल में 12 हजार रूपए पहुंचाओ, नहीं तो उसे जान से मार दिया जाएगा।’
आज सुबह एमबी अस्पताल के मुर्दाघर में मृतक बंदी दिनेश का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम किया गया। इस दौरान मृतक के पिता केलवा (राजसमंद) निवासी देवीलाल सालवी ने  बताया कि दिनेश को पूर्व में भी कई बार जेल में अन्य कैदियों द्वारा पीटा गया और रूपयों की मांग की गई। दो दिन पूर्व उसकी बेटी सीता के पास जेल से दिनेश ने फोन करके 12 हजार रूपए मांगे थे, लेकिन इतना रूपया नहीं होने के कारण उसने जमीन गिरवी रखी और आज सुबह रूपए जेल में पहुंचाने ही वाले थे कि रात डेढ़ बजे जेल से फोन आया कि उनके बेटे ने आत्महत्या कर ली है। दिनेश के पिता ने कहा कि उसका बेटा आत्महत्या नहीं कर सकता है। जेल में उसकी हत्या की गई है। सारे हालात संदिग्ध है और इस संबंध में वे सूरजपोल थाने में हत्या का मामला दर्ज कराएंगे।

इन हालात से संदिग्ध बन रहा है मामला

जेल के टायलेट में बंदी को किसी ने चारपाई की निवार (रस्सी) ले जाते हुए नहीं देखा।
यह कहीं नहीं बताया गया कि टायलेट का गेट बंद था, तो मृतक को दरवाजा तोड़कर बाहर निकाला गया या नहीं।
मृतक ने फांसी लगाकर आत्महत्या की, तो उसके हाथ-पैर कैसे दूसरी रस्सी से बंधे थे।
हाथ-पैर बांध कर कोई आत्महत्या नहीं कर सकता है। इसलिए हत्या की पुष्टि होती है।

बेवकूफी भरा जवाब

जेल अधीक्षक कैलाश त्रिवेदी से जब पूछा गया कि आत्महत्या से पहले बंदी के हाथ-पैर कैसे बंधे थे, तो उनका जवाब था कि आत्महत्या करते समय वह तड़पा होगा। इसलिए उसके हाथ-पैर बंध गए होंगे।

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Как выбрать идеальное место для игры и достичь успеха

Как выбрать идеальное место для игры и достичь успехаВыбор...

Лучшие платформы для ставок в Беларуси 2025 года

Лучшие платформы для ставок в Беларуси 2025 года2025 год...

Топ платформ для игры на деньги онлайн в 2025 году

Топ платформ для игры на деньги онлайн в 2025...

Glory Casino Giriş $ Glory Casino Güncel Giriş

Glory On Line Casino Türkiye Girişi Güncel Giriş Ve...