उदयपुरा। पिछले पांच दिनों में टेम्परेचर में लगभग पांच से छह डिग्री सेल्सियस की उछाल आई है। जून में जहां मैक्सिमम टेम्परेचर ३० डिग्री सेल्सियस था, वहीं जुलाई में टेम्परेचर ३४ डिग्री सेल्सियस के आस-पास पहुंच गया। चौंकाने वाली बात तो ये है कि लगातार मौसम क ा गर्म होता हुआ मिजाज शहरवासियों क ो रास नहीं आ रहा है।
मौसम के इस तरह से करवट बदलने से शहरवासिंयो में मौसमी बीमारियां से अस्पतालों में मरीजों की संख्या पांच गुना बढ़ गई है। इसमें टाइरिया, बुखार, गेस्ट्रो इनट्राइटिस और फुड प्वाइजनिंग जैसी बीमारियों के मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं, वहीं मौसम विभाग के अनुसार अगले पांच दिनों में शहरवासियों को कई मुश्किलों को सामना करना पड़ सकता हैं।
बच्चों क ो बचाइए
डॉक्टर के अनुसार इस बदलते हुए मौसम में पनपने वाले बैक्ट्रीरिया क ा सबसे सॉफ्ट टारगेट छोटे बच्चे होते हैं। इसलिए जरूरी है कि बच्चों को बहुत ही साफ -सुथरे माहौल में रखा जाए। बच्चों में डायरिया, ज्वाइंडिस, टायफ ाइड की प्रॉब्लम सबसे ज्यादा सामने आ रही है। कोशिश क रें कि बच्चों क ो किसी भी क ीमत पर बाहर कि कोई भी चीज न खिलाए।
टायफाइड
ये सालमोनेला टाइफी नाम के बैक्टीरिया के कारण होता हैं।
> इसमें बुखार से शुरू होता है, धीरे-धीरे बुखार बढ़ता है।
> बॉडी में कमजोरी और पसीने में अजीब सी स्मेल आना शुरू हो जाती है।
> तीसरे हफ्ते में आंतों में टायफाइट अल्सर बन जाता है, जिसकी वजह से मुंह का टेस्ट खराब होने लगता है और वॉमेटिंग होने लगती हैं।
> यदि कोई बुखार 8-9 दिन से ज्यादा रहे तो तत्काल ही टेस्ट करा लेना चाहिए।
क्या है लक्षण
> शाम होने पर बुखार का आ जाना।
> थोड़ी-थोड़ी देर में वॉमेटिंग का होना।
> मुंह से खून निकलना।
> कमजोरी के कारण चक्कर आना।
> भूख नहीं लगना, वजन कम होना।
> शरीर में तनाव को होना।
क्या क रें
> साफ-सफाई का ध्यान रखना।
> बुखार को कम करने के लिए ठंडे पानी की पट्टी करना चाहिए।
> पट्टी न करके पर मेनइनजाइटिस होने का खतरा बढ़ जाता है।
> ऑयली फूड बिलकुल न खाएं।
> आराम करें और ग्लूकोज का सेवन करें।
> सोडियम और पोटेशियम बैलेंस बनाने के लिए इलेक्ट्रॉल का सेवन करें।
सावधान, ये मौसम डेंगू क ा है फे वरेट
ये बदलता हुआ मौसम डेंगू के वाहक मच्छर एडीज एजिपटाइका का सबसे फेवरेट होता है। एक तरफ प्री मानसून के कारण शहर में कई जगह खड्डों में गंदा पानी भर गया है। इसके अलावा शहर में फैली हुई गंदगी और सीवरेज का ओवर फ्लो इन के लिए सबसे ज्यादा मददगार साबित हो रहा है। ऐसे मौसम में मच्छरों की प्रजनन क्रिया काफी तेज हो जाती हैं। जिससे बड़ी संख्या में कूलर, एसी, गमले, फ्रीज व बाथरूम में रू के हुए पानी से ये मच्छर अपने लार्वा छोड़ते हैं।
क्या है डेंगू
डेंगू एडीज एजिपटाई नाम के मच्छर के काटने से होता है। इसके वायरस को अर्बो कहते हैं। डॉक्टर के अनुसार बीमारी बड़ों की अपेक्षा बच्चों में तीन गुना ज्यादा असर करती हैं। डेंगू तीन तरह के होते हैं। क्लासिक डेंगू गले में खराश, सिर में दर्द, क मर में दर्द, वामेटिंग आना, बदन टूटना, भूख न लगाना।
क्या हैं लक्षण
> कपकपी के साथ बुखार आना।
> पूरे शरीर पर धारियां उभर जाना।
> सिर में दर्द और बदन टूटना।
> हर वक्त क मजोरी महसूस होना।
> भूख नहीं लगना।
ध्यान दीजिए
> डेंगू का मच्छर दिन में काटता हैं।
> ये मच्छर रू के हुए पानी में अपने लार्वा छोड़ता है।
> जब मौसम में बदलाव होता है, उस वक्त मच्छरों की प्रजनन क्षमता बढ़ जाती हैं।
> ज्यादा मात्रा में लेकि न साफ और स्वच्छ पानी पीने से इस बीमारी से बचा जा सकता है।
जरा संभलक र, मौसम मिजाज है ‘गर्म
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