उदयपुर राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एच.आर. कुड़ी ने कहा है कि आदिवासी समाज में मौताणा एक सामाजिक बुराई है, जिसको समाप्त करने के प्रयास आयोग अपने स्तर पर कर रहा है। मौताणा को खत्म करने के लिए सभी पहलुओं पर विचार किया जा रहा है। जल्द ही इस सामाजिक बुराई को खत्म करने के लिए एक रिपोर्ट आयोग की तरफ से तैयार करके राज्य सरकार को भेजी जाएगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जो सबसे ज्यादा अहम है, वो यह है कि पुलिस को मौताणों के मामलों में बिचौलिए की भूमिका नहीं निभानी चाहिए।
श्री कुडी ने शुक्रवार को सर्किट हाउस में पत्रकार वार्ता में यह विचार रखे। कुड़ी ने बताया की वह जहाँ भी जाते है और यहाँ भी दो दिन के दौरान अधिकतर मामले पुलिस को लेकर ही होते है और अधिकतर को पुलिस के व्यवहार से शिकायत होती है । इसके लिए हम पुलिस के आला अधिकारीयों से बातचित कर व्यवहार सुधारने के लिए सेमीनार कार्यशाला करते है और हिदायत देते रहते है ।कुड़ी ने बाल श्रम पर भी चिंता जाहिर करते हुए कहा की यह समस्या पुरे देश की है। और राजस्थान में इससे निपटने के लिए हम एक पूरी रिपोर्ट तैयार कर रहे है जो राज्य सरकार को सोंपी जायेगी।
कुड़ी ने कहा कि पिछले दो दिनों की उदयपुर प्रवास के दौरान दो जनसुनवाई और पेंडिंग पड़े 40प्रकरणों में से करीब ७० से ८० प्रतिशत प्रकरणों का निस्तारण किया तथा दो दिन तक सर्किट हॉउस में भी जन सुनवाई के दौरान ५० से अधिक प्रकरण आये जिसमे अधिकतर का मोके पर अधिकारीयों को निर्देश दे कर निपटारा कराया तथा सम्बंधित अधिकारीयों को दिशा निर्देश दिए ।
मौताणे में पुलिस बिचौलिये की भूमिका न निभाएं
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