फाईकर्मी की भर्ती को लेकर चल रहे वाल्मीकि समाज के धरने प्रदर्शन ने आज उग्र रूप ले लिया। कई ठेका सफाई कर्मियों ने अपने काम का बहिष्कार किया व देहलीगेट पर चक्का जामकर नगर निगम के खिलाफ जमकर उग्र प्रदर्शन किया।
गौरतलब है कि नगर निगम में सफाईकर्मी की भर्ती को लेकर वाल्मीकि समाज का आठ जून से धरना प्रदर्शन जारी है। पार्षद काजल आदिवाल एवं अखिल राजस्थान सफाई मजदूर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सत्यप्रकाश आदिवाल ने नगर निगम महापौर और बोर्ड पर आरोप लगाते हुए कहा कि नगर निगम की सफाई कर्मियों की भर्ती करने की मंशा ही नहीं है। इसीलिए भर्ती में टालमटोल का रवैया अपनाया जा रहा है। अभी तक जमा आठ हजार आवेदनों में से सिर्फ 67 फार्मों की जांच की गई है।
काजल आदिवाल ने कहा कि नगर निगम ने फर्जी कमेटी गठित की है, जो आगामी बैठक में यह तय करेगी कि 67 फार्मों में से किस को बुलाया जाए, बाकि बचे 7933 आवेदनकर्ताओं को जाने कब तक गुमराह किया जाता रहेगा। गुरुवार को वाल्मीकि समाज के कई ठेका कर्मियों ने काम का बहिष्कार किया और सुबह अशोकनगर स्थित नगर निगम के गैराज को भी बंद करवा दिया। देहलीगेट पर मानव शृंखला बनाकर रास्ता जाम किया गया और सभी प्रदर्शनकारी रैली के रूप में नगर निगम पहंचे, जहां उन्होंने जमकर प्रदर्शन किया। काजल आदिवाल ने कहा कि जब तक भर्ती प्रक्रिया में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाएगी, तब तक धरना प्रदर्शन चलता रहेगा।
॥कुछ स्वार्थी लोग भर्ती प्रक्रिया बाधित करके ठेकेदारों को फायदा पहुंचाना चाहते है। भर्ती प्रक्रिया नियमानुसार एक महीने में हर कीमत पर होगी। सरकार की मंशा है, महापौर की भी मंशा है कि सफाई कर्मियों की भर्ती हो। आठ हजार फार्म की जांच में समय लगता है इसलिए थोड़ा विलम्ब हुआ है। यदि जांच में कमी रह जाएगी तो कोई भी आवेदनकर्ता कोर्ट में जा सकता है, इसलिए हर फार्म की बारीकी से जांच की गयी है। वाल्मीकि समाज और हेला समाज ऐसे स्वार्थी लोगों के बहकावे में आकर गुमराह नहीं हो।
-पारस सिंघवी, अध्यक्ष स्वास्थ्य एवं सफाई व्यवस्था समिति नगर निगम उदयपुर