उदयपुर। नगर निगम की मेयर ने अपनी तबीयत खराब होने का हवाला देकर आज दोपहर होने वाली बोर्ड बैठक स्थगित करने से निगम में राजनीति गरमा गई है। कानून के जानकारों का मानना है कि मेयर की तबीयत खराब होने की स्थिति में डिप्टी मेयर बैठक ले सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं करके बैठक को ही स्थगित करने से समितियों के गठन में मेयर की नीयत पर सवाल खड़े हो गए हैं।
सूत्रों के अनुसार बैठक को अचानक स्थगित करने के पीछे मेयर की तबीयत का खराब होना सिर्फ बहाना है, क्योंकि समितियों के गठन को लेकर निगम में आपसी खींचतान चल रही है और मेयर अपने चहेतों को समिति अध्यक्ष बनाना चाहती है, जबकि विरोधी धड़ा भी समिति अध्यक्षों के पदों पर घात लगाए बैठा है। इधर, मेयर चाहती है कि समिति के गठन और अध्यक्षों की नियुक्ति शहर विधायक गुलाबचंद कटारिया की सहमति से हो, ताकि विरोधी धड़ा दबाव में आ जाए। इधर, बोर्ड बैठक सेे पूर्व विरोधी धड़े की अर्चना शर्मा के साथ बीती रात उनके निवास पर कई पार्षदों की बैठक हुई, जिसमें मेयर के खिलाफ रणनीति बनाई गई, वहीं मेयर ने भी चंदरसिंह कोठारी के निवास पर समर्थक पार्षदों के साथ बैठक ली। उल्लेखनीय है कि पूर्व सभापति किरण माहेश्वरी के कार्यकाल में भी एक बोर्ड बैठक को उन्होंने तबीयत खराब होने का हवाला देकर स्थगित कर दिया गया था। उस समय में भी एक व्यक्ति ने सभापति की तबीयत खराब होने संबंधी जानकारी सार्वजनिक करने की मांग की थी। मेयर की तबीयत खराब होने के बारे में भी आरटीआई के तहत संपूर्ण सूचना मांगी जा सकती है और किस डॉक्टर और अस्पताल में उपचार कराया गया। यह जानकारी भी मांगी जा सकती है।
क्या है कानून
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार गुरुवार दोपहर तीन बजे बोर्ड बैठक होनी थी, जिसमें नई समितियों का गठन होना था, लेकिन मेयर की तबीयत खराब हो जाने के कारण बैठक को स्थगित कर दिया गया। कानूनी तौर पर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में अचानक किसी कारण से मेयर की तबीयत खराब हो जाए, तो उस बैठक को डिप्टी मेयर की अध्यक्षता में आयोजित की जा सकती है, लेकिन बैठक को स्थगित नहीं किया जा सकता है।
:बोर्ड बैठक को स्थगित करने के पीछे रहे कारणों की मुझे जानकारी नहीं है। बैठक को स्थगित करने का जवाब मेयर ही देगी।
-महेन्द्र सिंह शेखावत, डिप्टी मेयर