११२ स्कूलों के दो हजार से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया
उदयपुर, ब्रश के साथ जब नन्हें हाथ ड्रांइग शीट पर चले तो बच्चों ने पर्शवरण संरखण को लेकर किसी फल बनाया तो किसी ने फूल,किसी ने सूरजमुखी का फूल बनाया तो किसी ने उडती हुई चिडिया। किसी बच्चें ने उजडते वनों को बचाने का संदेश दिया तो किसी ने हरे-भरे गांवों का खाका खींचा। कुछ बच्चों ने विरान होते जंगलों को बचाने व उसमें वन्यजीव संरक्षण का संदेश देते हुए अपनी चित्रकला बनायी तो वे देखते ही बनी।
अवसर था रोटरी क्लब ऑफ उदयपुर एवं तुलसी निकेतन रेजीडेंशियल स्कूल के सहयोग से भारतीय पर्यावरण शिक्षा एवं अनुसंधान परिषद (सीरी) के तत्वावधान में आज विद्यालय स्तरीय पर्यावरण चित्रकला का महाकुम्भ प्रतियोगिता का आयोजन। इस प्रतियोगिता में ११२ स्कूलों के लगभग २००० भाग ले लिया। प्रतियोगिता में भाग लेने का बच्चों में इतना उत्साह था कि आयोजकों के पास स्थान कमी पड गई जिस कारण ५०० बच्चों का वापस लौटना पडा।
क्लब की पर्यावरण संरक्षण कमेटी के चेयरमेन यशवंत कोठारी ने बताया कि प्रतियोगिता शाम ४ बजे से सेक्टर ४ स्थित टी. एन. रेजीडेंशियल स्कूल में ४ वर्गों में आयोजित की गई। इसमें नर्सरी व एलकेजी के लिए फूल या फल, यूकेजी एवं कक्षा प्रथम के लिए सूरजमुखी या चिडिया, कक्षा दूसरी से चौथी के लिए वन या गांव का दृश्य तथा पांचवी से आठवीं के बच्चों के लिए जंगल या वन्यजीव की ड्राइंग बनानी थी।
पर्यावरण चित्रकला के महाकुम्भ सम्पन्न
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