उदयपुर , जिला प्रशासन यु.आई.टी और नगर निगम पिछले दो सालों से शहर के चोरहों गोद देने की बाते कर चुके है लेकिन शहर के सभी प्रमुख चोराहे अपने रूप निखरने के इंतज़ार में और बाद से बदतर हो गए है किसी भी चौराहे पर कोई विकास का कार्य शुरू नहीं हो पाया है । साडी योजनाये सरे प्रस्ताव सिर्फ फाइलों और बैटन तक ही अटक कर रह गए है ।
यु.आई.टी. नगरनिगम जिला प्रशासन में जब कभी शहर के विकास को लेकर बैठके होती है तो शहर के सोन्दर्य कारन के लिए चौराहों के विकास की बात सबसे पहले होती है और फिर अदिखारियों और जनप्रतिनिधि बढ चढ़ कर चौराहों को कंपनियों और उद्योग समूह को गोद देने की बात करते है और एक साथ सभी हामी भी भर लेते है और ये सिलसिला पिछले दो सालों से चल रहा है लेकिन अभी तक एक दो चोरहों को छोड़ किसी चोराहे का विकास नहीं हो पाया । मात्र उदियापोल चौराहे को छोड़ दिया जाए तो गोद दिए गए अन्य किसी चौराहें पर कोई काम नहीं हुए हैं। शहर के सभी प्रमुख चौराहे जस की तस स्थिति में ही है।
यह चौराहे देने थे गोद : जिला प्रशासन, नगर परिषद व यूआईटी ने उदियापोल, देहली गेट, सूरजपोल, कोर्ट चौराहा, शास्त्री सर्कल, चेटक सर्कल, हाथी पोल, सुखाडिया सर्कल, ठोकर चौराहा आदि को गोद देने की योजना बनाई थी। इनमें बहुत ही कम चौराहों के लिए योजना पर कार्य किया जा सका है। नगर परिषद सिर्फ दो चौराहों को ही गोद दे पाई है। इनमें उदियापोल चौराहा व सुखाडिय़ा सर्कल शामिल है। शेष चौराहे विकास की राह देख रहे हैं।
केवल प्रचार का जरिया न बने चौराहे : अगर निकाय चौराहों को गोद दे रहे है तो संबंधित कंपनियों को चौराहों की नियमित देखरेख के लिए बाध्य किया जाना चाहिए। अन्यथा वे केवल कंपनियों के प्रचार का माध्यम ही बन कर रह जाएंगे। सुखाडिय़ा सर्कल व उदियापोल पर कंपनियों ने प्रचार के अपने बोर्ड तो लगा दिए लेकिन नियमित देखभाल व विकास कार्यों का अभी भी अभाव देखा जा रहा है। उदियापोल चौराहे को जरुर नया स्वरूप दिया गया है। चौराहें पर ग्रीनरी का अभाव : चौराहों के विकास के अंतर्गत वहां पर हरियाली विकसित किए जाने का भी प्रावधान यूआईटी परिषद की योजना में किया गया है लेकिन किसी भी चौराहे पर हरियाली के इंतजाम नहीं किए गए हैं। जयपुर व जोधपुर में हर चौराहे को विकसित करने के साथ ही वहां हरियाली का इंतजाम सबसे प्रमुखता के साथ किया गया है।
कॉलोनियों के बाग बगीचों के हाल खराब : शहर की कॉलोनियों व विभिन्न क्षेत्रों में स्थिति बागबगीचों की तरफ भी नगर परिषद व यूआईटी का कोई ध्यान नहीं है। कॉलोनियों व प्रमुख क्षेत्रों में विकसित किए गए बाग बगीचें उजाड़ स्थिति में है। बगीचों में लगाए गए बच्चों के मनोरंजन के साधन झूले, रिपस पट्टियां ज्यादातर बगीचों में क्षतिग्रस्त अवस्था में है। कई बगीचे को पूरी तरह के उजड़ पर केवल मैदानों में तब्दील हो गए हैं।