अध्यापक शिक्षा में आज भी दर्जनों चुनौतियां : प्रो. बिस्ट्रो

Date:

DSCN6886राजस्थान विद्यापीठ में अध्यापक शिक्षा पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सेमिनार शुरू, हिस्सा ले रहे हैं देश विदेश के 350 विषय विशेषज्ञ

उदयपुर. वर्तमान में अध्यापक शिक्षा के सामने प्रमुख चुनौतियों के रूप में व्यापक गतिशिल, मूल्यों पर आधारित, उत्तरदायी, वैश्विकरण की विषमताओं से निबटने का सामर्थ रखने वाले दूरदर्शी अध्यापक व्यवस्था का विकास करना हमारी सबसे बड़ी चुनौति है। इसके अतिरिक्त दर्जनों ऐसे विषय हैं, जो अध्यापक शिक्षा क्षेत्र में चुनौतियां बनकर उभरे हैं। यह कहना है यूके के स्विसबैरी से आए प्रो. स्टिव बिस्ट्रो का। अवसर था, जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विवि के संघटक एलएमटीटी में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का। वैश्विक परिदृश्य में अध्यापक शिक्षा का पुर्नपरीक्षण विषय पर आयोजित इस सेमिनार में ब्रिस्टो ने इस क्षेत्र में चुनौतियां बताई। कहा कि अध्यापक शिक्षा की गुणवत्ता, तकनीकी क्षेत्र का ज्ञान, सेवा में लेने की जटील प्रक्रिया तथा समसामयिक विषयों का ज्ञान होना आवश्यक बताया है।

DSCN6850 DSCN6846 DSCN6846अध्यापक शिक्षा को विशिष्ट दर्जा माना जाए

सेमिनार के मुख्य वक्ता एवं एनसीईआरटी नई दिल्ली के पूर्व सलाहकार प्रो. ओएस देवल कहते हैं कि अध्यापक शिक्षा को भी विशिष्ट दर्जा दिया जाना चाहिए। शिक्षकों के समक्ष आने वाले चुनौतियों का मूल्यांकन कर उसके लिए नई और प्रभावी योजनाएं बनाना जरुरी है। इससे दोहरा फायदा होगा। पहला, खुद शिक्षक प्रभावी होगा तो उसकी शिक्षण संस्था भी प्रभावी होगी। जबकि दूसरा और बड़ा फायदा विद्यार्थी वर्ग को मिलेगा। इस दिशा में सरकारी प्रयास भी कारगर होंगे। सरकार को चाहिए कि समय समय पर इस तरह की कार्यशालाओं का आयोजन कर शिक्षकों के समक्ष आने वाले चुनौतियां को जाने।

व्यवसायिक नहीं बनें शिक्षक

सेमिनार में कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत ने शिक्षकों से आह्वान किया है कि वे इस पेशे को व्यवसायिक नहीं बनाएं। शिक्षा क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण माहौल बनाने में सहयोग करें। चुनौतियां तो आती रहेगी, उससे जुड़े हल निकालने का प्रयास करें। इसके अतिरिक्त समय समय पर होने वाली कार्यशालाओं और विषय से जुड़े सेमिनार में हिस्सा लें। व्यक्तिगत तौर पर तकनीकी क्षेत्र में रूझान दिखाएं एवं उससे जुड़े ज्ञान को अर्जित कर, विद्यार्थियों एवं सहयोगी शिक्षकों को भी इसकी जानकारी दें।

शीघ्र करना होगा सुधार

अमेरिका से जोर्जिया से आए प्रो. अरविंद शाह ने बताया कि अध्यापक शिक्षा में शीघ्र परिवर्तन की आवश्यकता है। जो सिर्फ स्कूली शिक्षा ही नहीं हायर एजुकेशन तक होना चाहिए। इस दिशा में देश ही नहीं विदेशों में भी स्थिति सही नहीं है। भारतीय परिप्रेक्ष्य पर मेरा कहना है कि यहां अध्यापक शिक्षा को लेकर शोध होने चाहिए। उससे प्राप्त निष्कर्षों का मूल्यांकन कर अध्यापक शिक्षा में आवश्यक फेरबदल करने होंगे।

सेमिनार में स्वागत भाषण डीन डॉ. शशि चित्तौड़ा ने देते हुए संस्था का परिचय दिया। सेमिनार में प्रो. गोविंद देसाई, प्रो. अशोक पटेल ने भी अपने विचार रखें। रजिस्ट्रार डॉ. प्रकाश शर्मा ने कुलाधिपति का संदेश पढक़र सुनाया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अमि राठौड़ ने किया। आयोजन सचिव डॉ. सरोज गर्ग ने बताया कि विभिन्न तकनीकी सत्रों में लगभग 150 से अधिक पत्रों का वाचन किया गया। इस अवसर पर डॉ. बलिदान जैन, डॉ. कैलाश चौधरी, डॉ. सुनीता मुर्डिया, डॉ. देवेंद्र आमेटा, डॉ. अनिता कोठारी, डॉ. तनमय पालीवाल, डॉ. प्रेमलता गांधी, डॉ. रचना राठौड़ और डॉ. भूरालाल श्रीमाली आदि उपस्थित थे।

 

Shabana Pathan
Shabana Pathanhttp://www.udaipurpost.com
Contributer & Co-Editor at UdaipurPost.com

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Motherless.com Review | LUSTFEL

Motherless.com is among those...

Enjoy enjoyable and engaging conversations inside our bi guy chat room

Enjoy enjoyable and engaging conversations inside our bi guy...

Benefits of cross dressing dating

Benefits of cross dressing datingThere are many benefits to...