सागवाडा। राज्य में विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया के दुखों का संभवतया कोई अंत होता नहीं लगता है, जैसे कि पिछली रात उन्हें पता चला कि उनके रात्रि विश्राम के लिये कोई कमरा ही नहीं है।
दिन भर की मशक्कत के बाद मध्यरात्रि के करीब होटल सुरभि पहुँचकर जब उन्होंने अपने कमरे की चाबियाँ मांगी तो यह जानकर वो अचंभित रह गये कि उनके नाम से बुक कमरे में भाजपा महिला मोर्चा अध्यक्ष सुमन शर्मा ठहरी हुई हैं परिणाम स्वरुप कुछ गर्मा-गर्मी हुई और गुस्से में भरे कटारिया वहां से चले गये।
प्रत्यक्षदर्शियों, जिसमें कटारिया के साथ यात्रा कर रहे उनके न$जदीकी, उदयपुर के एक नेता भी हैं, ने कहा कि ’’सुराज संकल्प यात्रा’’के सातवें दिन न$जर आ रहे कटारिया रात्रि विश्राम के लिये होटल पहुँचे क्योंकि सातवें दिन की यात्रा में उन्होंने भाजपा की राज्य इकाई अध्यक्ष वसुंधरा राजे सिंधिया को सहयोग देने के साथ-साथ तीन जनसभाओं को संबोधित भी किया था। यात्रा के दौरान आवास तथा भोजन के इंचार्ज सुरेश पाटोदिया ने जब कटारिया को बताया कि होटल में उनके नाम से कोई कमरा बुक नहीं है तो कुछ पल के लिये तो वो स्तब्ध रह गये फिर उन्हें जोर से गुस्सा आया।
क्रोध में भरे कटारिया ने कहा कि होटल में उनके नाम कमरा बुक था लेकिन उन्हें अभी पता चला कि उनके नाम के कमरे में सुमन शर्मा ठहरी हुई हैं। सुमन शर्मा भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरण माहेश्वरी के नजदीकी मानी जाती हैं। गुस्से में कटारिया यह भी बोले कि यदि वो होटल में नहीं रहेंगे तो माहेश्वरी भी नहीं रहेंगी और उनका कमरा तुरंत खाली कराया जाये।
जिस समय यह सारा नाटक चल रहा था उस समय सुमन शर्मा माहेश्वरी के साथ उनके कमरे में थी और शर्मा के कमरे में ताला पडा था। आयोजकों ने शर्मा से कहा कि वो अपना कमरा खाली करके माहेश्वरी के कमरे में चली जायें परंतु माहेश्वरी इसके लिये राजी नहीं हुई और शर्मा के साथ वहाँ से चली गई। नाम गोपनीय करने की शर्त पर एक नेता ने इस घटना की पुष्टी की और कहा यह सब बुरी प्लानिंग और एक व्यक्ति द्वारा निर्णय लेने का परिणाम है। अंतत: ना तो कटारिया और ना ही माहेश्वरी और शर्मा ही उस होटल में रूके। रात्रि विश्राम उन सबने कहां किया यह पता नहीं।