प्रशासन गांव के संग अभियान में बनाए बापी पट्टे के एवज में ली २ हजार की रिश्वत
चित्तौडगढ, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो चितौडगढ की टीम ने प्रशासन गांव के संग अभियान में बनाए गए बापी पट्टे के एवज में दो हजार की रिश्वत के साथ डूंगला पंचायत समिति की सेमलिया ग्राम पंचायत की महिला सरपंच व उसके पुत्र को रंगे हाथो गिरफ्तार किया है। मामले में पूछताछ के लिए सचिव, शिविर प्रभारी उपखण्ड अधिकारी डूंगला व विकास अधिकारी अधिकारी पंचायत समिति डूंगला को भी तलब किया जाएगा।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो चितौडगढ के अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक भूपेन्द्रसिंह चुण्डावत ने बताया कि प्रार्थी मांगीलाल रेगर पिता बरदा रेगर निवासी सेमलिया ने ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई कि प्रशासन गांव के संग अभियान में ८ फरवरी २०१३ को उसके निवास का पुश्तैनी पट्टा बनाया गया था। जो उसे सरपंच द्वारा शिविर में दिया जाना था, लेकिन सरपंच ने शिविर में पट्टा नही दिया और सरपंच लेहरीबाई मीणा पत्नि भगवानलाल मीणा ने पट्टे के एवज में पांच हजार रूपये रिश्वत की मांग की। इस पर ब्यूरो द्वारा मंगलवार रात्री को शिकायत का सत्यापन कराने के लिए मांगीलाल को सरपंच के घर भेजा गया। जहां बातचीत में मामला दो हजार रूपये में तय हुआ और सरपंच ने यह राशि उसके पुत्र देवीलाल को देने की बात कही। इस पर बुधवार सवेरे मांगीलाल को रिश्वत की राशि दो हजार के साथ डूंगला पंचायत समिति के सेमलिया ग्राम पंचायत में स्थित सरपंच लेहरीबाई मीणा के घर भेजा गया। मांगीलाल के पीछे-पीछे ब्यूरो की टीम अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भूपेन्द्रसिंह चुण्डावत के नेतृत्व में भंवरसिंह, भारतसिंह, दतपलसिंह, श्रवणसिंह, शैतानसिंह, महिला कांस्टेबल सहयोगिता भी सेमलिया पहुंचे। सरपंच के घर जाकर मांगीलाल ने रिश्वत की राशि दो हजार रूपये सरपंच के पुत्र देवीलाल को थमा दी। दूसरी ओर मांगीलाल का ईशारा पाते ही ब्यूरो टीम सरपंच के मकान में पहुंच गई जहां सरपंच के पुत्र देवीलाल के हाथो को धुलाया गया तो उसके हाथ से रंग निकल आया। रिश्वत के दौरान हजार रूपये एक डायरी में से बरामद किए गए। ब्यूरो की टीम ने रिश्वत लेने के आरोप में सरपंच लेहरीबाई मीणा व उसके पुत्र देवीलाल मीणा दोनो को गिरफ्तार कर लिया है। जिन्हे गुरूवार को उदयपुर स्थित विशेष न्यायालय में पेश किया जाएगा।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भूपेन्द्रसिंह चुण्डावत ने बताया कि सरपंच के घर की तलाशी के दौरान मांगीलाल के पुश्तैनी पट्टे के साथ-साथ एक दूसरा पट्टा मोहनकंवर पत्नि रतनसिंह राजपुत का भी मिला है। दोनो ही पट्टो पर प्रशासन गांव के संग अभियान की मोहर लगी हुई है। वह पट्टा जारी दिनांक ८ फरवरी २०१३ अंकित है, लेकिन उस पर ना तो सरपंच के हस्ताक्षर है ना ही सचिव के हस्ताक्षर है। और तो और शिविर प्रभारी के हस्ताक्षर भी नही है। पट्टे पर सिर्फ सरपंच व सचिव की मोहर लगी हुई है। इस मामले में ग्राम पंचायत के सचिव, शिविर प्रभारी उपखण्ड अधिकारी, डूंगला विकास अधिकारी को भी जांच के दायरे में रखा गया है। इनसे भी पूछताछ की जाएगी।