उदयपुर, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा पिछले वर्ष 9 सितंबर को राज्यभर में एक साथ कराई गई राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (आरटेट) का परिणाम सात माह बाद भी घोषित नहीं हो पाया है। आरटेट की नई विज्ञप्ति जारी करने का समय नजदीक आने के साथ ही पिछले वर्ष परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों की चिंता भी लगातार बढ़ती जा रही है।
उल्लेखनीय है कि बोर्ड की ओर से हर वर्ष मई माह में इस परीक्षा का आयोजन किया जाता है। इसके लिए अप्रैल माह में बोर्ड की ओर से विभिन्न समाचार पत्रों में विज्ञप्तियां जारी की जाती है। पिछले वर्ष जून माह में विज्ञप्ति जारी कर सितंबर माह में परीक्षा ली गई थी। आरक्षित वर्गों में उत्तीर्णांक में राष्ट्रीय अध्यापक पात्रता परीक्षा (सीटेट) से अधिक छूट एवं कतिपय जिलों में परीक्षा की गड़बड़ी की शिकायत को लेकर अभ्यर्थियों ने परीक्षा को कठघरे में खड़ा करते हुए कोर्ट में याचिका दायर कर दी थी।
कोर्ट ने बोर्ड को नोटिस देकर जवाब मांगते हुए परिणाम जारी करने पर रोक लगा रखी है। लेकिन, बोर्ड द्वारा न्यायालय में उचित पैरवी नहीं किए जाने का खामियाजा करीब पांच लाख से अधिक अभ्यर्थियों को भुगतना पड़ रहा है।
दो बार हो गई क्रसीटेटञ्ज
अध्यापक पात्रता परीक्षा के आयोजन में जहां केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा वर्ष में दो बार परीक्षा ली जाती है, वहीं राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड वर्ष में एक बार ही पात्रता परीक्षा लेता है। इसमें भी आरंभ से ही भारी खामियां सामने आती जा रही है। उल्लेखनीय है कि सीटेट का आयोजन हर वर्ष जून व नवंबर माह में होता है।
परेशान हैं लाखों अभ्यर्थी
आरटेट : 2012 में शामिल हो चुके अभ्यर्थी इन दिनों खासे परेशान हैं। एक ओर परीक्षा की नई तिथियां घोषित होने का समय करीब आता जा रहा है, वहीं पूर्व का परिणाम अब भी जारी नहीं हो पा रहा है। ऐसे में लाखों विद्यार्थियों के सामने यह सवाल खड़ा हो गया है कि वे नए सिरे से परीक्षा की तैयारी करें, अथवा पिछले परिणामों का इंतजार? अध्यापक पात्रता परीक्षा टेट के प्राप्तांकों के 20 फीसदी अंक तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा में जोड़े जाते हैं।