उदयपुर, गत दिनों मुंबई से दान की राशि लेकर लौट रहे नारायण सेवा संस्थान के एक कर्मचारी के बैग से अज्ञात चोर करीब 8 लाख की राशि [quote_right]नारायण सेवा संस्थान शक के घेरे में !
दान के नाम पर नगद धन क्यों [/quote_right]चुरा ले गए। इस संबंध में जब कर्मचारी द्वारा संस्थान निदेशक को सूचना दी गई तो उन्होंने कर्मचारी पर शक किया और उसकी पुलिस थाने में राठौडी में पिटाई करा दी। जब की अगर संसथान निदेशक को कर्मचारी पर शक था तो रूपये चोरी होने की पुलिस में विधिवत रिपोर्ट दर्ज करवाते और पुलिस ने भी इतनी बड़ी राशि के बारे में संस्थान निदेशक से पूछताछ किये बगेर कर्मचारी पर कहर ढा दिया जब की सबसे बड़ा सवाल ही यह था की
दान की इतनी बड़ी राशि मुंबई से नगद क्यों लायी जारही थी ?
राशि का चेक क्यों नहीं बनाया गया ?
डोनर ने दस लाख से अधिक की रकम केश में ही क्यों दी?
चेक क्यूँ नहीं बनाया गया?
कहीं ऐसा तो नहीं कि सेवा के नाम पर काले धन को सफ़ेद करने का यह एक तरीका हो ?
कही ऐसा तो नहीं कि डोनर ने अपना काल धन इसलिए दान में दिया के वो इससे दुगुनी राशि कि रसीद संस्थान से ले सके और अपने काले धन का कारोबार आराम से चला सके ?
[quote_left]राठौडी में पुलिस थाने में की गई पिटाई
संस्थान निदेशक शक के घेरे में[/quote_left]सवाल अधूरे है लेकिन संसथान निदेशक के रसूख के चलते कोई उससे पूछने कि हिम्मत नहीं कर रहा । और जब ये सवाल स्थानीय अखबार मददगार ने उठाये तो मददगार के अखबार बाँटने वाले होकर को नारायण सेवा संस्थान के कर्मचारियों ने गुंडे कि तरह पिटा और अखबार छीन लिए । क्या ऐसा करके वह अपने आप को निर्दोष बताना चाह रहे है । या अपने गोरख धंधे का सबुत दे रहे है ।
ज्ञातव्य है कि मुंबई की एक कंपनी द्वारा गुप्त करीब १० लाख रूपये इस संस्थान को दान दिए गए थे जिन्हें कर्मचारी नकद बस में लेकर उदयपुर आ रहा था। संस्थान द्वारा इतनी बडी राशि चोरी हो जाने के बाद भी इस संबंध में कोई रिपोर्ट नहीं दर्ज करवाना विचारणीय बिन्दु है।
नारायण सेवा संस्थान के कर्मचारी ने संस्थान के निदेशक प्रशांत अग्रवाल पर आरोप लगाया कि रूपये चोरी होने की घटना के बाद जब वह उदयपुर पहुंचा तो संस्थान निदेशक प्रशांत अग्रवाल ने उस पर शक करते हुए अपने दोस्त सीआईडी सीबी में पुलिस निरीक्षक के पद पर कार्यरत जितेन्द्र आंचलिया को बुलाया एवं संस्थान में ही पूछताछ के दौरान मारपीट की। इसके बाद कर्मचारी को हिरणमगरी थाने ले जाया गया जहां भी आंचलिया द्वारा उसके साथ राठौडी में मारपीट की गई। इस संबंध में हालांकि संस्थान निदेशक एवं पुलिस निरीक्षक ने युवक के साथ मारपीट की बात से इंकार किया है। संस्थान निदेशक द्वारा अभी तक इस संबंध में मुकदमा दर्ज नहीं करवाना एवं सिर्फ राठौडी में ही कर्मचारी से पूछताछ करवाना उन्हें संदेह के घेरे में ला खडा कर रहा है।
सेवा कि आड़ में हो रही है काले धन को सफ़ेद करने कि साजिश ?
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सबसे पहले उदयपुर पोस्ट की टीम कों बहुत बहुत धन्यवाद इस खबर कों ऑनलाइन माध्यम से जनता कों अवगत करवाने के लिए और बेशक आपकी हिम्मत की दाद देना चाहेंगे सेवा के नाम पर देश भर की जनता कों लुटा जा रहा है .
उदयपुर पोस्ट की टीम को बधाई और आपकी इस बेबाक रिपोर्टिंग को सलाम जो बड़े बड़े अख़बार नारायण सेवा के अहसान तले दबे हुए है उनके मुह पर तमाचा है यह न्यूज़ ,….. सेवा के नाम पर अपनी तिजोरी भरने वालों कोई तो है जो तुम्हारी भी पोल खोल सकता है …
seva k nam pr kale dhan to bahut se sansthan kr rhe h .pr narayan seva jese bhi esa kr rhe h to Dhikkar he ese sevs sansthan pr
उदयपुर की टीम को तहदिल से हरि गोविंद गौमाता स्वयं आत्म शान्ति सेवा समिति ,लोधीपुर जनपद कासगंज उ.प्र. व हरिं गोविंद गौमाता संस्थान और समिति द्वारा संचालित ईमानदार ग्रुप ‘भारतीय आर्यंस समाज फोर्स’ के संस्थापक श्री नन्दकिशोर ‘भारतीय आर्यंस’ और पदाधिकारियों कीओर सेे बधाई हो जो नारायन सेवा संस्थान का अपनी पोस्ट द्वारा असली चेहरे को दिखाया |