भारत के 60वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में इस बार हिंदी सिनेमा का बोलबाला रहा है. निर्देशक तिग्मांशु धूलिया की फिल्म पान सिंह तोमर को सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म घोषित किया गया है जबकि इरफान खान को संयुक्त रूप से सर्वश्रेष्ठ अभिनेता चुना गया है.
इरफान को मराठी अभिनेता विक्रम गोखले के साथ संयुक्त पुरस्कार मिला है. सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए मराठी अभिनेत्री उषा जाधव को चुना गया है.
फिल्म विकी डोनर को भी कई श्रेणियों में पुरस्कार मिले हैं. इसे भरपूर मनोरंजक फिल्म की श्रेणी में अवॉर्ड के लिए चुना गया है.
इस फिल्म में बेहतरीन अभिनय के लिए अन्नु कपूर सर्वश्रेष्ठ सह अभिनेता बने हैं जबकि विकी डोनर के लिए ही डॉली आहलुवालिया सर्वश्रेष्ठ सह अभिनेत्री बनी हैं.
विकी डोनर को मिली सफलता पर प्रतिक्रिया देते हुए फिल्म के अभिनेता आयुष्मान खुराना ने कहा, “मैं फ़ोन पर हूं इसलिए आप देख नहीं सकते की मैं कितना खुश हूं. लेकिन आप मेरी आवाज़ से तो मेरी ख़ुशी का अंदाजा लगा ही सकते हैं. हमारी फिल्म को तो अवार्ड मिला ही साथ ही अन्नु कपूर और डॉली आहलुवालिया को भी पुरस्कार मिले हैं. दोनों ही मझे हुए कलाकार हैं. मैं बहुत बहुत खुश हूं.”
फिल्म के निर्देशक शूजीत सरकार ने कहा कि वो ख़ुशी से फूले नहीं समां रहे हैं. वो कहते हैं, ”मैं टीवी के आगे नाच चूका हूं. ख़ुशी से चिल्ला चूका हूं. मैं बहुत खुश हूं कि अन्नू कपूर और डॉली दोनों ने ही पुरस्कार जीते हैं.”
सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए शिवाजी लोटन पाटिल का नाम अव्वल रहा जिन्होंने मराठी फिल्म धाग बनाई है.
नवाजुद्दीन सिद्दकी और ऋतुपर्णो घोष को विशेष ज्यूरी का पुरस्कार मिला है. फिल्म कहानी को सर्वश्रेष्ठ स्क्रीनप्ले की श्रेणी में अवॉर्ड मिला है.
सर्वश्रेष्ठ पुरुष गायक के लिए शंकर महादेवन को चुना गया है. उन्होंने चिटगांग में ‘बोलो न’ गाना गया है जिसके लिए उन्हें ये पुरस्कार मिल रहा है.
बीबीसी से बात करते हुए शंकर कहते है, ”भले ही ये मेरा चौथा राष्ट्रिय पुरस्कार हो लेकिन तब भी मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं है. ये गाना हमने बड़े दिल से बनाया था लेकिन ये गाना उतना चला नहीं, जबकि ये संगीत की दृष्टि से बहुत ही अच्छा गाना है. शुक्र है कि जूरी ने ये गाना न सिर्फ सुना ही बल्कि इसे पुरस्कार के लिए भी चुना.”