उदयपुर .सीटीएई के सांस्कृतिक एवं तकनीकी समारोह ‘प्रयाग-2013 का समापन रंगारंग प्रस्तुतियों के साथ बुधवार को हुआ।समारोह में लोकनृत्य, पारम्परिक नृत्य एवं फिल्मी नृत्यों की प्रस्तुतियां हुई। सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के सभागार में एकल गायन, समूह गायन, पश्चिमी, लोकनृत्य एवं पारम्परिक एकल नृत्य, समूह नृत्य एवं कॉमेडी सर्कस के प्रतिभागियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
मुख्य अतिथि महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ओ. पी. गिल ने कहा कि तकनीकी उच्च शिक्षा में अध्ययनरत छात्रों के मानसिक तनाव को दूर कर उनकी सांस्कृतिक एवं साहित्यिक प्रतिभा के प्रदर्शन से विद्यार्थियों की ऊर्जा को सकारात्मक दिशा मिलती है। कार्यक्रम के अध्यक्ष सीटीएई के डीन डा. नरेन्द्र एस. राठौड़ ने छात्रों की सह-शैक्षणिक गतिविधियों की सराहना की।
नृत्य नाटिकाओं ने लुभाया
कार्यक्रम में विभिन्न थीम वाली नृत्य नाटिकाओं में जीवन की आशा-निराशा, उतार-चढ़ाव को पेश करते हुए उम्मीद का दामन ना छोडऩे का संदेश दिया गया। इसमें झांसी की रानी, इन्दिरा गांधी, मदर टेरेसा, प्रतिभा पाटिल आदि के रूप में कलाकारों ने उनके जीवन को स्टेज पर पेश किया। एकल नृत्य में प्रतिभागियों ने मेरे ढोलना, अगले जनम मोहे बिटिया ना कीजो, लागा चुंदरी में दाग, डाक बाबू लाया… की प्रस्तुतियों पर दर्शकों को झूमने पर विवश कर दिया।
पारंपरिक नृत्यों में होली के रंग, ढोली थारो ढोल बाजे, मानो तो भगवान नहीं तो पाषाण आदि खास रही। एकल गायन में प्रतिभागियों ने विभिन्न ओ री चिरैया, डम डम मस्त है, होली के रंग के गीतों का गायन कर सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। समूह गायन में प्रतिभागियों ने तुझसे नाराज नहीं हैरान हूं मैं, म्हारो राजस्थान, क्यों डरता है दिल, लेट द म्यूजिक प्ले, जय हो आदि विभिन्न आंचलिक, देशभक्ति एवं पारम्परिक गीतों का गायन किया।