उदयपुर. मां के इस जज्बे को प्रणाम। बात हो रही है जयपुर की सुमन नवल की। वह उदयपुर के जिला अस्पताल में खोले जा रहे राजस्थान के पहले मदर मिल्क बैंक की सबसे पहली मिल्क डोनर या दूधदाता हैं।
इसे पन्नाधाय के इतिहास वाली मेवाड़ की धरती का पुण्यप्रताप कहा जाए या सुमन और उनके पति आनंद स्वरूप की शिशुओं को लेकर अतिसंवेदनशीलता। यह सच है कि उनका यह कदम कुपोषण के कारण मृत्यु का शिकार होने वाले शिशुओं की प्राणरक्षा के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।
सुमन फिलहाल उदयपुर में ही रहती हैं। उनके पति इनकमटैक्स विभाग में डिप्टी कमिश्नर हैं। वह खुद अर्थशास्त्र में एमए हैं और नेट क्वालीफाई कर चुकी हैं। इस संवाददाता को उन्होंने बताया कि उदयपुर में खुल रहे दिव्य मदर मिल्क बैंक के बारे में उन्होंने इस समाचार को पढ़ने के बाद उन्हें साल भर पहले खुद पर आया वह संकट याद आया जिससे वह काफी ज्यादा परेशान हुए थे।
सुमन ने बताया कि उनके बेटे अमन के जन्म के बाद दो दिनों तक वह अपने बच्चे को दूध नहीं पिला पाईं थी। उन्हें अपने शिशु को भूख से बिलखते हुए देखा था। तब उन्हें अहसास हुआ कि मां का दूध न मिलने से बच्चों को किस तरह की तकलीफ होती है।
ऐसे बहुत से शिशु होते हैं जिनकी मां नहीं होती या फिर उनकी मां अपना दूध पिलाने में सक्षम नहीं होती। लिहाजा उन्होंने और उनके पति आनंद ने तय किया कि वह मदर मिल्क बैंक के लिए दूध दान करेंगी। उनके पति आनंद स्वरूप का कहना है कि उन्हें अपनी पत्नी पर गर्व है कि दूसरे के शिशुओं को अपना दूध देने जैसा बड़ा काम करने जा रही है। उनके मुताबिक उनका पूरा परिवार सुमन के नजरिए को लेकर बेहद खुश है।
कौन कर सकता है दुग्धदान
ऐसी स्वस्थ माताएं जो अपने शिशुओं को दूध पिलाती हों और दूध दान करने से उनके शिशु के आहार में कोई कमी न आती हो.
फायदा क्या
कुपोषण के कारण मौत का शिकार होने वाले सौ शिशुओं में से 16 की जान बचाई जा सकती है
अब आगे क्या
रोटरी व लायन्स जैसे क्लबों, सामाजिक और धार्मिक संगठनों से जुड़ी महिलाओं को इस पवित्र उद्देश्य की पूर्ति के लिए आगे आना होगा ताकि कुपोषण के शिकार शिशुओं की प्राणरक्षा की जा सके।
Smt. SUMAN JI,
AAPKA YH KADAM EK MEEL KA PATTHAR SABIT HOGA,
AAPKE ISS SARAHANIYA AUR SAAHAS SE SABHI LOGO KO PRERANA MILEGS.
MANY MANY CONGURATES
GOD BLESS YOU
THANKS
JAKIR HUSAIN
BARMER