पर्यावरण मित्र खनन से ही खनिज विकास संभव : वर्डिया

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दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आंरभ

उदयपुर, ’’ खनिज विकास की गति को बताए रखना तभी संभव होगा जब प्रत्येक खनन व्यवसायी पर्यावरण मित्र खनन के प्रावधानों को अपनाएं तथा गंभीरतापूर्वक पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम उठाएं।’’

यह विचार वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति सदस्य एवं पूर्व खान निदेशक पी.के.वर्डिया ने यहां सुखाडिया विश्वविद्यालय से भू विज्ञान विभाग में ’’पर्यावरण – मित्र खनिज विकास एवं भूतल प्रबंधन विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में व्यत्त* किए।

संगोष्ठी के उदघाटन सत्र मे मुख्य अतिथि सुविवि के कुलपति प्रो.आई.वी.त्रिवेदी ने कहा कि देश के आर्थिक विकास में खनिजों का महत्वपूर्ण योगदान है। बढती भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए खनिजों का दोहन आवश्यक है पर साथ ही यह भी जरूरी है कि हम पर्यावरण एवं परिस्थितिक तंत्र को बनाए रखें नहीं तो इसके परिणाम भयावह हो सकते है।

इससे पूर्व भू विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो.विनोद अग्रवाल ने कहा कि सेमिनार दो महत्वपूर्ण विषयों पर केन्द्रीत है एक और जहां खनन क्षेत्रों में पर्यावरणीय समस्याएं बढ रही है वहीं बढती जनसंख्या की मांग की पूर्ति के लिए भूजल संसाधनों का भी तेजी से दोहन हो रहा है। आज सतत विकास तथा दीर्घ कालिन विकास की अवधारणा को समाहित करने के लिए जरूरी है कि उपलब्ध संसाधनों का विवेकपूर्ण व पर्यावरण मित्र तरीके से दोहन हो।

इस अवसर पर पी.के.वर्डिया को विशेषज्ञ समिति के सदस्य बनाने व खनन क्षेत्र मे पर्यावरण संरक्षण के कार्य करने पर तथा हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के महाप्रबंधक एन.के.कावडिया को राष्ट्रीय खनिज पुरस्कार मिलने पर भू विज्ञान विभाग तथा पूर्व छात्र परिषद द्वारा सम्मानित किया गया।

संगोष्ठी समन्वयक प्रो.हर्ष भू ने बताया कि इस दो दिवसीय संगोष्ठी के १५० भू वैज्ञानिक एवं खनन व्यवसायी भाग ले रहे है। तथा ३ तकनीकी सत्रों में ३५ शोध पत्रों का वाचन किया जाएगा।

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