उदयपुर.सौतेले पिता के वहशीपन से भयभीत दस वर्षीय बालिका को सगी मां के साये पर भी यकीन नहीं रहा। बालिका कोर्ट के इजलास में उस वक्त फफक पड़ी, जब उससे पूछा गया कि ‘क्या वह अपनी मां के साथ घर जाना चाहती है?’ इस पर रोते हुए बालिका ने कहा कि ‘मैं मां के साथ तो जाना चाहती हूं, लेकिन सौतेले पिता के घर हर्गिज नहीं।’ चौथी कक्षा में पढ़ने वाली यह बालिका पूरी तरह डरी और सहमी हुई थी।
सौतेले पिता रमेश सालवी ने उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया था, तब से वह चित्रकूट नगर स्थित राजकीय बालिका गृह में रह रही थी। बालिका की मां मीरा मेघवाल ने अपनी बेटी को लेने के लिए अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-2 मीनाक्ष जैन की कोर्ट में अर्जी लगाई थी। बालिका के बयानों के बाद उसकी मां की अर्जी खारिज कर दी गई। अदालत ने बालिका की मनोदशा सही न मानते हुए वापस बालिका गृह भेजने के आदेश दिए।
यह थी घटना
रमेश ने 8 जनवरी को बालिका के साथ दुष्कर्म करने का प्रयास किया था। बाल कल्याण समिति के अनुरोध पर बालिका की सुरक्षा के मद्देनजर अदालत ने उसे चित्रकूट नगर स्थित राजकीय बालिका गृह भिजवा दिया था।
बाल कल्याण समिति के सदस्य भगवत सिंह राजपूत ने बालिका के सौतेले पिता रमेश सालवी के खिलाफ दुष्कर्म के प्रयास की रिपोर्ट अंबामाता थाने में दर्ज कराई थी। पुलिस में शिकायत धारा 376/511 एससी एसटी एक्ट 3 (1)(11) एवं धारा 7-8 प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल आफेंस एक्ट के अंतर्गत दर्ज किया ग