नई दिल्ली: वित्त वर्ष 2013-14 के केंद्रीय बजट में ब्रॉडबैंड सेवाओं पर सर्विस टैक्स खत्म होने का ऐलान हो सकता है। ब्रॉडबैंड और इंटरनेट सेवाएं फिलहाल सर्विस टैक्स के दायरे में आती हैं। डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम (डॉट) के सूत्रों ने ‘ बताया कि मंत्रालय की तरफ से इस संबंध में वित्त मंत्रालय को सिफारिश भेज दी गई है।
सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय बजट में ब्रॉडबैंड सेवाओं पर सर्विस टैक्स खत्म होने की उम्मीद है। सूत्रों ने बताया कि इंटरनेट सेवाओं के विस्तार के लिए मंत्रालय ने वर्ष 2017 तक 17.5 करोड़ ब्रॉडबैंड ग्राहकों का लक्ष्य तय किया है। लेकिन इंटरनेट सेवा महंगी पड़ने के चलते यह लक्ष्य पूरा होना मुश्किल है। लिहाजा, इंटरनेट सेवाओं को किफायती बनाने के मकसद से सर्विस टैक्स खत्म करने की सिफारिश भेजी गई है।
सूत्रों ने बताया कि इस सिफारिश को मंजूर किए जाने की उम्मीद है। वहीं, डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम की तरफ से टेलीकॉम उपकरण निर्माण को बढ़ावा देने के मकसद से भी वित्त मंत्रालय को कई सिफारिशें भेजी गई हैं। सूत्रों ने बताया कि मौजूदा समय में रिसर्च पर किए जाने वाले कुल खर्च का 200 फीसदी कर योग्य आय से घटाया जाता है। डॉट ने सिफारिश की है कि इस सीमा को बढ़ाकर 300 फीसदी किया जाए जिससे कि देश में रिसर्च को तेजी के साथ बढ़ावा मिले।
फिलहाल भारत में रिसर्च पर दुनिया भर के मुकाबले बेहद कम खर्च किया जाता है। लिहाजा, बजट में अगर यह प्रावधान होता है तो इससे घरेलू स्तर पर रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, आयातित टेलीकॉम उपकरणों पर एक्साइज ड्यूटी को डेफेर्ड पेमेंट के तौर पर देने के प्रावधान की भी मांग की गई है। सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्रालय को भेजे गए प्रस्ताव में कहा गया है कि टेलीकॉम उपकरणों के आयात पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी (जो सीवीडी के तौर पर लगती है) को पांच वर्षो के दौरान ब्याज मुक्त किस्तों के तौर पर देने की छूट दी जाए।
बात बढ़ी आगे-
मंत्रालय की तरफ से इस संबंध में वित्त मंत्रालय को भेज दी गई है सिफारिश
और क्या सिफारिश-
डॉट की तरफ से टेलीकॉम उपकरण निर्माण को बढ़ावा देने के मकसद से भी वित्त मंत्रालय को भेजी गई हैं कई सिफारिशे
राहत कैसे संभव-
मंत्रालय ने 2017 तक 17.5 करोड़ ब्रॉडबैंड ग्राहकों का लक्ष्य किया है तय लेकिन इंटरनेट सेवा महंगी पड़ने के चलते यह लक्ष्य पूरा होना मुश्किल
नए टेलीकॉम लाइसेंसों पर गाइडलाइंस अगले माह-
सरकार नए टेलीकॉम लाइसेंसों के बारे में अगले महीने दिशा-निर्देश जारी कर सकती है। यह जानकारी दूरसंचार सचिव आर.चंद्रशेखर ने यहां दी। उन्होंने यहां आयोजित एक संगोष्ठी के दौरान पत्रकारों के साथ बातचीत मे अलग से बताया, ‘हम फरवरी महीने में यूनीफायड लाइसेंस पर गाइडलाइंस जारी किए जाने की उम्मीद कर रहे हैं इसके बाद वर्तमान टेलीकॉम लाइसेंस से यूनीफायड लाइसेंस में माइग्रेट करने की प्रक्रिया शुरू हो जानी चाहिए।’
दूरसंचार विभाग द्वारा इससे पहले जारी किए गए दिशा-निर्देशों में यह कहा गया था कि यूनीफायड लाइसेंस पाने वाली कंपनियां अपने मौजूदा लाइसेंस के तहत दी जा रही सेवाएं मुहैया कराने के साथ-साथ स्पेक्ट्रम वगैरह को दूसरी फर्मो के साथ साझा भी कर सकेंगी।