Udaipur. मोबाइल और टेलीफोन उपभोक्ताओं के लिए एक चिंता वाली खबर है। उनकी फोन पर होने वाली बातचीज को टैप कराया जा रहा है। यह काम केंद्र सरकार करा रही है।
एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है कि केंद्र सरकार ने हर महीने 7500 से 9000 फोनों को टैप करने का आदेश दिया था। इसके अनुसार, एक साल में एक लाख से अधिक फोनों पर होने वाली बातचीत को टैप किया जाता है।
भारत के सर्विलांस कानून और प्रक्रिया पर आधारित यह रिपोर्ट इंटरनेट गवर्नेस फोरम ने तुर्की के शहर इस्तांबुल में बुधवार को जारी किया। इस रिपोर्ट में गृह म ंत्रालय के मई 2014 के दिए गए आरटीआई के जवाब को आधार बनाया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र और राज्य सरकारों ने संयुक्त रूप से फोन टैप करने का आदेश दिया। इससे स्पष्ट होता है कि नियमित और सावधानी से भारतीय नागरिकों के फोन टैप किए जा रहे हैं।
भारतीय टेलीग्राफ कानून 1951 की धारा 419 ए के तहत केंद्र और राज्य सरकारों के गृह सचिव को फोन टैन करने का आदेश देने का अधिकार है।
जनवरी 2014 को एक आरटीआई के जवाब में पता चला है कि 26 घरेलू और विदेशी कंपनियों ने 2011 में इंटरनेट पर नजर रखने के लिए आवेदन किया था।
इस रिपोर्ट में भारत में आम लोगों की गोपनीयता के उल्लंघन को लेकर चिंता जाहिर की गई है। साथ ही कहा गया है कि देश में नागरिकों की गोपनीयता को बनाए रखने के लिए कोई कानून नहीं है।