उदयपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा के लिए जिस तरह से तय्यारियां उदयपुर शहर में भाजपा और प्रशासन ने की उससे मानों लग रहा हो की कोई बहुत बड़ा दीवाली जैसा उत्सव होने वाला है। तीन घंटे की सभा के लिए पैसा पानी की तरह बहाया गया। कदम कदम पर राज्य सरकार के मंत्री जो पिछले ५ दिनों से यही डेरा जमाये थे वह कदम कदम पर अधिकारियों को बाकायदा धमकी वाले अंदाज़ में निर्देश दे रहे थे। एसा होना चाहिए,. एसा नहीं होगा तो देख लेना, वेसा चाहिए बिलकुल। यही नहीं भारी बारिश में सड़कों को दो-दो, तीन-तीन बार डामरीकरण किया गया। बडगांव से प्रताप गौरव केंद्र की सड़क जिससे प्रधान मंत्री को गुजरना था। सुखेर बाईपास की सड़क को गिरती बारिश में बनाया गया जबकि डामर की सड़क बारिश में नहीं बनाई जा सकती फिर भी कुछ घंटे टिक जाए उसके लिए सरकारी खजानों का मूह खोल दिया गया।
संभाग भर के जिलों में कार्यकर्ता से लेकर बड़े नेताओं को सख्त हिदायत थी की चाहे जो हो जाय जनता डेड लाख से ऊपर होनी चाहिए सबको लिस्ट थमा दी गयी थी। गाड़ियां मुहय्या करवा दी गयी थी। खर्चे खाने के रूपये देदिए गए थे। सभा स्थल का यह आलम था कि नरेंद्र मोदी १.१० पर खेलगांव पहुचे तब तक बसों में भर कर जनता को लाया जारहा था।
एक अनुमान व जानकारों के अनुसार सभा स्थल की तय्यारियाँ व लोगों को लाने लेजाने के लिए करीब 80 करोड़ रूपये फूंक डाले। सुबह से कई रास्ते जाम थे यही नहीं हाइवे तक बंद कर अलग अलग रास्तों से वाहनों को भेजे जारहे थे। मजदूरों को सभा के लिए लाया गया तो पुरे संभाग में कही भी निर्माण कार्य नहीं होसके। यही नहीं कई स्कूलों और निजी संस्थानों व् ट्रावेल्स के बस भी जब्त कर लोगों को लाने ले जाने में लगा दी गयी थी। देखा जाये तो एक दिन के लिए मानो शहर एक दिन के लिए रोक दिया गया हो।
प्रधानमंत्री की सभा के लिए 80 करोड़ खर्च, एक दिन के लिए शहर नहीं संभाग बंद।
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