5 साल की मासूम को 9 साल के अपचारी ने बनाया हवस का शिकार

Date:

पोस्ट। चित्तौडग़ढ़ जिले के कपासन में आंगनवाड़ी केंद्र पर खेल रही पांच वर्षीया मासूम बालिका को बहला फुसला कर दुष्कर्म करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोपी ९ वर्ष का बाल अपचारी होकर डिटेन कर लिया गया है। पुलिस ने पॉक्सो एक्ट में प्रकरण दर्ज कर बालिका का मेडिकल करवा दिया है,जिसमें दुष्कर्म की पृष्टि हों गई हो गई है। बालिका अभी भी उपचाररत है।
कपासन थाना प्रभारी ड़ी.पी.दाधिच से प्राप्त जानाकरी के अनुसार पीड़ीत लडक़ी के परिजनों ने शुक्रवार को थाने पर उपस्थित होकर बताया कि उनकी लडक़ी गांव ताराखेड़ी के आंगनवाड़ी में पढ़ती है जहां वह गत 31 मार्च को केंद्र के बाहर खेल रही थी कि गांव का ही नौ वर्षीय लडक़ा उसे बहला फुसलाकर पास में सुनसान जगह ले गया और उसके साथ दुष्कर्म करने के बाद उसे वापस छोड़ गया। बच्ची के रोने की आवाज सुनकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मोके पर पहुची और बालिका की हालत देखकर परिजनों को बुलवाया और वे उसे कपासन के ही निजी अस्पताल ले गये जहां उसकी हालत लगातार बिगड़ती गई व निजी चिकित्सक ने बालिका के साथ कुछ गलत होने का अंदेशा जताया,जिस पर उसने राजकीय अस्पताल ले जाने की कहा। परिजन उसे कपासन के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर आए जहां चिकित्सकों ने उसके साथ दुष्कर्म होने की पुष्टि की, वहीं बालिका को भी विश्वास में लेकर पूछा तो उसने सारा घटनाक्रम बता दिया। इस पर परिजनों ने शुक्रवार को कपासन थाने पर प्रकरण दर्ज करवाया।
थानाधिकारी दुर्गाप्रसाद दाधीच ने बताया कि आरोपी बाल अपचारी को डिटेन कर पूछताछ की तो उसने जुर्म स्वीकार कर लिया है जिस पर आज बालिका का मेडिकल बोर्ड से दोबारा परीक्षण करवा जिला बाल संरक्षण ईकाई को भी सूचना दे दी है।
अपचारी है पीडि़ता का पडौसी
आरोपी अपचारी यहां पर अपने ननिहाल में रह रहा था और घर के पास ही आंगनवाड़ी केंद्र होने के चलते बालिका के साथ रोजाना खेलता रहता था। घटना के बाद जिसने भी सुना ,वो एक बारगी इस पर विश्वास नही कर पा रहा है। इस घटना से आंगनवाड़ी केंद्र की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गये हैं।
जिला मुख्यालय पर संचालित बाल कल्याण समिति ने नाबालिग बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म मामले को दरकिनार कर दिया। मामले की सूचना कपासन थाना प्रभारी डीपी दाधिच ने समिति कार्यालय को फोन पर दे दी थी। जिसकी पृष्ठ स्वयं समिति के सदस्यों ने की है, लेकिन जिला मुख्यालय से महज ४० किलोमीटर दूर स्थित घटनास्थल पर जाने की जहमत किसी ने नहीं उठाई। समिति के नियम और कानून के मुताबित घटना की जानकारी मिलते ही समिति के सदस्यों को मौके पर जाकर पीडि़ता को संरक्षक देकर परिजनों से मिलकर कानूनी कार्यवाही बाबत सलाह देनी चाहिये। घटनाकम की सूचना समिति को ३० मार्च को ही मिल गई थी, लेकिन घटना के २२ दिनों बाद भी पीडि़त बालिका को सरंक्षण नहीं देना समिति की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा कर रही है। समिति के अध्यक्ष सुशीला लढ्ढा से जब इससे जानकारी चाही गई तो उन्होने एक विवाह समारोह में व्यस्त होने की बात कह कर फोन रख दिया। जिसके बाद अन्य सदस्यों से बातचीत की गई तो उन्होने प्रकरण की जानकारी नहीं होने की बात तक कह दी। एक अन्य सदस्य अनिल पुरोहित ने बताया कि मामले की जानकारी ३० मार्च को मिल गई थी, लेकिन पीडि़ता से मुलाकात नहीं हो पाई। गौरतलब है कि इतना संगीत मामला होने के बाद भी समिति पीडि़ता से मुलाकात नहीं कर पाई। वहीं कुछ छोटे-मोटे मामले को प्रकाश में लाकर समिति अपने कार्य-कलापो को मीडिया में बढ-चढ कर जानकारी देती है। ऐसे में समिति द्वारा की जा रही कार्यवाही महज प्रचार-प्रसार के स्वार्थ लाभ के तौर पर भी देखा जा रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Find love on the most useful dating apps for asexuals

Find love on the most useful dating apps for...

Tips for meeting and dating other bisexual men

Tips for meeting and dating other bisexual menIf you...

Unleash your passions and enjoy a brand new dating experience

Unleash your passions and enjoy a brand new dating...