अगर ताज को देखने की इच्छा है तो जी भरकर देख लीजिए। क्योंकि कार्यकर्ताओं का कहना है कि आनेवाले पांच सालों में ताज गिर जाएगा।
ताजमहल के लिए अभियान चलाने वाले कार्यकर्ताओं का कहना है कि यमुना नदी के प्रदूषित पानी से ताज की नींव कमजोर हो रही है। आने वाले पांच साल में ताज गिर जाएगा। ताज के किनारे बहने वाली यमुना नदी में हो रहा प्रदूषण, वनों की कटाई इसके गिरने का मुख्य कारण हो सकता है।
कार्यकर्ताओं का मानना है कि अगर जल्द कोई कदम नहीं उठाया गया तो अगले दो से पांच साल में ताज मिट्टी में मिल जाएगा। 358 साल पुरानी प्यार की निशानी सैलानियों के आकर्षण का केंद्र है। पिछले साल ही ताजमहल की चार मीनारों और गुंबद में दरारें देखी गई हैं। इसके साथ ही ताजमहल की बुनियाद भी लगातार कमजोर हो रही है।
जानकारों का कहना है कि अगर ताजमहल की सड़ती बुनियाद को दुरुस्त नहीं किया गया तो लाखों सैलानियों को अपनी तरफ खींचने वाली यह इमारत जल्द ही इतिहास का हिस्सा होगी।