उदयपुर. शहर से सटे 37 गांवों में रहने वालों के बेहतर विकास की उम्मीदें बढ़ गई हैं। यूआईटी की ओर से प्रस्तावित इन गांवों को शहर में शामिल किया जाता है तो इनको कॉलोनियों में तब्दील होने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। फिलहाल इन गांवों की जमीनों पर रिसोर्ट और कॉलेज तो तेजी से बन रहे हैं पर ग्रामीण बस्तियों का विकास न के बराबर है। यह सारी कवायद उदयपुर नगर निगम बनाने के लिए की जा रही है।
नगर विकास प्रन्यास ने शहर से सटे 37 गांवों की सूची शुक्रवार को जिला कलेक्टर कार्यालय को भिजवा दी थी। करीबी गांवों को जोड़े बगैर शहर की जनसंख्या 4 लाख 68 हजार 663 है। शहर को नगर निगम बनाने के लिए सिर्फ 32 हजार नागरिक और चाहिए। प्रस्तावित 37 गांव शहर की आबादी में जोडऩे से करीब 1 लाख 10 हजार नागरिक और बढेंग़े। नगर निगम की खातिर इन गांवों को शहर में जोडऩे पर आबादी 6 लाख हो जाएगी जो जरूरत से 1 लाख अधिक होगी।
यूआईटी ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि इन गांवों को शहरी सीमा में इसलिए शामिल करना जरूरी है कि इनके विकास के बाद कॉलोनियों को नगर परिषद को हस्तांतरित किया जाना है। शहर का नया मास्टर प्लान भी इन पंचायतों को ध्यान में रखकर ही गया है। पर्यावरण के लिहाज से इन क्षेत्रों में ग्रीन बेल्ट को ध्यान में रखना होगा। गौरतलब है कि यूआईटी की ओर से पेराफेरी में शामिल पंचायतों में विकास के कार्य करवाए जा रहे हैं।