उदयपुर ,एक तरफ पुरे देश में महिला अत्याचार बाद रहे है दूसरी तरफा पुलिस का रवैया लाख आलोचना के बावजूद बदलता नज़र नहीं आरहा ।उदयपुर जिले के खेरोदा थाना पुलिस को ही ले। इस क्षेत्र के केदारिया गांव से आज से करीब २० दिन पूर्व एक नाबालिग बालिका का अपहरण हो गया। बालिका के पिता ने इस घटना को लेकर एक युवती सहित तीन जनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रार्थना पत्र भी दिया। इसके बावजूद पुलिस ने ना तो एफआईआर दर्ज की और ना ही अपहृत बालिका को ढंूढने का रत्तीभर प्रयास किया। ऐसे में थक हार कर बालिका के माता-पिता सोमवार को वल्लभनगर उपखंड कार्यालय के बाहर आमरण अनशन पर बैठे तो पुलिस प्रशासन की कुंभकर्णी नींद उड़ी और जिला पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर नामजद आरोपियों के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई।
केदारिया निवासी बद्री लाल ने बताया कि उसने अपनी १७ वर्षीया पुत्री के अपहरण को लेकर बीस दिन पूर्व खेरोदा थाने में गांव के ही तुलसी राम पुत्र हीरा लाल शर्मा, सोन्या पति शंकर शर्मा व एक अन्य शंकर लाल गाडरी के विरूद्ध कार्रवाई करने और उसकी पुत्री को उनके चंगुल से आजाद कराने को लेकर मामला दर्ज कराने के लिए प्रार्थना सौंपा था, लेकिन अपराध पर नियंत्रण का दंभ भरने वाली पुलिस ने न एफआईआर दर्ज की और ना ही उसकी पुत्री की तलाश के कोई प्रयास किए। इससे आहत होकर प्रार्थी ने जिला पुलिस अधीक्षक के समक्ष भी परिवाद भी पेश किया। इसके बावजूद सन्तोषजनक जवाब नहीं पाकर बद्री लाल ने राष्ट्रपति के नाम वल्लभनगर उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। इसमें मुल्जिमानों को गिरफ्तार करने एवं नाबालिग पुत्री की बरामदगी की मांग करते हुए बद्रीलाल व उसकी पत्नी उपखण्ड कार्यालय के बाहर आमरण अनशन पर बैठ गए।
20 दिन से नहीं उड़ रही पुलिस की नींद
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