आवाज़ का जादू ऍफ़ ऍम तरंगो के साथ

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ज़माना अब घीसे पीटे करियर से हट के हॉट एंड ग्लेमरस जोब्स का हो गया है . ऐसे में हर कोई कुछ नया और

क्रेअटिव करने की सोचता है. युवा अब न सिर्फ पैसा कमाने की होड़ में पागल है, साथ ही ज़िन्दगी में रंग भरने की

ललक सभी के सर पे सवार है. अधिकांश युवा ये ही चाहते हैं क उनका पेशन ही उनका प्रोफेशन बन जाये.

टीवी के बाद रेडियो की घटति लोकप्रियता के चलते किसी ने नहीं सोचा था के धड़ल्ले से ऍफ़ ऍम चेनल्स एक नयी

बहार ले के आयेंगे. जो के युवा वर्ग पे इस कदर छा जायेंगे के हर युवा रेडियो जोकि बन ने की ख्वाहिश रखेगा

आवाज़ का कमाल भी इस कदर जादू ले आएगा ये किसी ने सोचा नहीं था . रेडियो जोकि बनने के लिए सिर्फ आवाज़

ही नहीं कुछ और भी खूबियों की ज़रूरत होती है जो कुछ इस तरह है.

१- भाषा और उच्चारण एक दम साफ़ और सटीक होना चाहिए. मुहावरे, शायरियों और कहावतों के जरिया अपने

कथन को प्रभावी बनाने की कला बोहोत ज़रूरी है. कुछ नए और रुचिकारक शब्दों का प्रयोग और साथ ही हिंगलिश

यानि हिंदी और इंग्लिश का मिला जुला उपयोग आपकी स्क्रिप्ट पे चार चाँद लगा देगा.

२- जेनेरल अवेयरनेस-रेडियो सिर्फ मनोरंजन तक ही सिमित नहीं, न्यूज़ और इन्फोर्मशन भी उपलब्ध करता है .

इसीलिए एक रेडियो जोकि को साडी खबर रखनी चाहिए. समाचार पत्र और मेग्ज़िन्स पढ़ते रहना चाहिए.

३-सकारात्मक सोच और फ्रेंडलीनेस- रेडियो जोकि हमेशा एनर्जी से भरपूर रहते हैं, जो के उनको पसंदीदा रेडियो

जोकि की लिस्ट में शामिल करता है.

४-म्यूजिक लवर- एक रेडियो जोकि का संगीत प्रेमी होना उतना ही ज़रूरी है जितना के मछली का पानी में रहना.

५-रचनात्मकता- यानि क्रेअतिविटी के बिना एक रेडियो जोकि अपनी स्क्रिप्ट को रुचिकारक और प्रभावी नहीं

बना सकता. हर रेडियो जोकि की अपनी अपनी प्रेसेंटेशन स्टाइल होती है. उस स्टाइल को बनाने और कायम रखने

के लिए लगातार और अथक प्रयास ज़रूरी हैं.

५-कमुनिकेशन स्किल्स-एक आर जे को आम आदमी से ले के बड़े सलेब्रितीस से भी बात करनी होती है.

कमुनिकेशन स्किल्स का होना बोहोत ज़रूरी है.

ऍफ़ एम् में दो करियर ओपशंस हो सकते हैं:

१-प्रोग्रामिंग

२-सेल्स

प्रोग्रामिंग में दो अंग हैं – पहला प्रोडूसर और दूसरा रेडियो जोकि . प्रोडूसर का कम रेडियो जोकि की स्क्रिप्ट

लिखना और कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करना होता है. कुछ रेडियो चेनल्स में ये दोनों काम (प्रोडूसर और रेडियो

जोकि ) एक रेडियो जोकि ही कर लेता है.

प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान-

जागरण इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्यूनिकेशन्स, नोयडा

ईयान स्कूल ऑफ मास कम्यूनिकेशन्स, नई दिल्ली

इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मास मीडिया, नई दिल्ली

ऑल इंडिया रेडियो,

चंडीगढ़/ जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशन, मुंबई

द टेक-वन एकेडमी ऑफ ब्रॉडकास्टिंग, चंडीगढ़।

 

 

3 COMMENTS

  1. Radion/FM is the best source of entertainment and information for those who spends 12-15 hours on computer daily… No more dry eyes problem by watching TV for the entertainment and information.

    Earlier i used to tune the FM to listen to my favourite songs.. then i did that for listening to my favourite RJ… Himanshu… Ek dost, ek mentor, ek saathi aur bhi naa jaane kya kya… he has all those qualities which a good person should posses… sirf bolna hi nahi.. usmein aapki baat sunne ka patience bhi hai… aur jo good listener ho ta hai vahi best RJ ho sakta hai.. kyonki aapko sunne ke baad aapke liye naye raaste khoj ke aapko properly guide karna so that aap bhatko nahi.. RJ achchhi tarha kar sakta hai.. aur vo karta bhihai…

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