उदयपुर। मेवाड़ के कद्दावर नेता राजस्थान के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया के गृहनगर और उनके वार्ड व अन्य दो वार्ड से भाजपा के कार्यकर्ता कांग्रेस में शामिल हो गए। कांग्रेस युवा नेता विवेक कटारा के जन्म दिन पर करीब 150 भाजपा कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस में शामिल हो कर उन्हें जन्म दिन का तोहफा दिया। भाजपा कार्यकर्ताओं का मानना था कि शहर भाजपा में युवा नेतृत्व की कमी थी इसी वजह से वे कांग्रेस के युवा नेता के साथ आये है। इस सारे मामले में भाजपा के शहर जिलाध्यक्ष ने अनभिज्ञता ज़ाहिर की है।
दो दिन पहले कांग्रेस के नेता विवेक कटारा का जन्म दिन था। कटारा के जन्म दिन पर ही पूर्व महापौर रजनी डांगी के मकान से महज ५० मीटर दूर पर स्थित गवरी चैक पर श्री कटारा का जन्मदिन मनाया गया, इस दौरान करीब 150 भाजपाईयों ने कटारा को मालाएं पहनाकर कांग्रेस का दामन थाम लिया। भाजपा के वार्ड अध्यक्ष करण गंभीर, गवरी चैक मित्र मंडल के ओम मेनारिया, दिनेष आचार्य, राजीव षर्मा, प्रशांत शर्मा, संजयपुरी गोस्वामी, विकास लोधा जैसे दिग्गज कार्यकर्ताओं के नेतृत्व में 150 भाजपाईयों ने कोंग्रेस जॉइन करके सभी को चैंका दिया है। भाजपा के वार्ड अध्यक्ष का पार्टी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लेना साबित करता है कि कहीं न कहीं कार्यकर्ताओं का मनोबल अब टूटता जा रहा है। कार्यकर्ताओं की माने तो पहले विधानसभा फिर लोकसभा और अंत मे नगर निगम चुनावों में भाजपा को भारी मतों से जिताने के बावजूद भी क्षेत्र में भाजपा का नेतृत्व ढंग से काम नहीं कर पाया यहां पर पार्टी के ही कार्यकर्ताओं की नहीं सुनी जाती तो आम आदमी की बिसात। जब पदाधिकारी ही त्याग पत्र दे रहे हैं तो आम कार्य कर्ता की कौन सुनेगा। वैसे भी उदयपुर में भाजपा के दो धड़े हो गए है और दोनों में शीत युद्ध चल रहा है जिसके थमने के दूर -दूर तक कोई आसार दिखाई नहीं देते। वैसे सूचना मिली है कि भाजपा को त्यागने वाले कार्यकर्ताओं में ज्यादातर पूर्व महापौर रजनी डांगी और गृहमंत्री के वार्ड में रहने वाले थे।
भाजपा कार्यकर्ताओं का पार्टी छोड़ के कांग्रेस में जाने पर भाजपा के शहर जिलाध्यक्ष दिनेश भट्ट ने इस मामले में अनभिज्ञता ज़ाहिर की है। दिनेश भट्ट का कहना है कि मेरी सूचना में एसा कोई मामला नहीं आया की कोई भाजपा का कार्यकर्ता पद पर रहा हो और पार्टी छोड़ कर गया हो। कोई आम कर्ता गया होगा तो दिखवाते है बात करेगें। ताज्जुब की बात है कि 150 कार्यकर्ता पार्टी छोड़ कर अन्य पार्टी में जा मिले और जिलाध्यक्ष को भनक ही नहीं। खेर एसा हो नहीं सकता क्यूँ कि सूत्रों की माने तो भाजपा के बड़े पदाधिकारी इन कार्यकर्ताओं से संपर्क साधने की कोशिश कर रहे है और घरों के चक्कर काट रहे है। मुख्य कार्यकर्ता जो पदों पर थे वह भूमिगत हो चुके है।
वैसे कार्यकर्ताओं के भाजपा से उठते विष्वास के बाद तो यही लगता है कि भाई साहब का विजय रथ कहीं इस बार रूक न जाए। क्योंकि युवा मोर्चा के पदाधिकारी तो पहले ही अपने कार्यकर्ता को पुलिसकर्मी द्वारा ‘थप्पड़’ मारे जाने का इंसाफ अभी तक नहीं दिला पाए है वहीं दुसरी तरफ पार्टी के कार्यकर्ताओं का कांग्रेस में जाना भाजपा के लिए तो नुकसानदेह होगा ही।
इधर कांग्रेस के नेता विवेक कटारा का कहना है कि करीब 150 भाजपा के कार्यकर्ता कांग्रेस में शामिल हें है। शामिल हुए कार्यकर्ताओं का कहना था कि भाजपा में युवा नेतृत्व की कमी है और युवाओं को तरजीह भी नहीं दी जाती इसी वजह से आज वह कांग्रेस के युवा नेता के साथ है।
उदयपुर शहर के 150 भाजपा कार्यकर्ता पार्टी छोड़ कांग्रेस के साथ हुए – भाजपा शहर जिलाध्यक्ष को नहीं है इसकी जानकारी।
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