सीवरेज से उगाई गई 15 क्विंटल सब्जी रोज खा रहा है शहर

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6202_40उदयपुर. आप जो सब्जी खा रहे हैं वो सीवरेज के पानी से उगी हो सकती है। आयड़ नदी में बह रहे सीवरेज के जहरीले से पानी से उगी 15 से 20 क्विंटल सब्जियां रोज शहर में सप्लाई की जा रही हैं।

यह आंकड़ा शहर में रोज होने वाली सप्लाई का 20 प्रतिशत है। ये सब्जियां कलड़वास, मादड़ी, कानपुर आदि क्षेत्रों से सप्लाई की जा रही हैं। नदी के आसपास के खेतों में जनरेटर व पंपसेट लगाकर सिंचाई की जाती है। भास्कर ने नदी से सटे इलाके की पड़ताल की तो चौंकाने वाली हकीकत सामने आई। हैरानी वाली बात यह है कि ये क्षेत्र शहर से सटे हुए हैं, लेकिन नगर निगम से लेकर अन्य विभागों के जिम्मेदार अफसर इससे अनजान बने हुए हैं। विशषज्ञों की राय में यह लापरवाही शहरवासियों के लिए स्लो पॉइजन का काम कर रही है।

ऐसी सब्जियों में हेवी मेटल्स, पेस्टिसाइड्स भी
जयपुर के अमानीशाह नाले से सब्जियां उगाने की जांच में हेवी मेटल्स तो पाए ही गए हैं लेकिन पेस्टीसाइड्स और हमें बीमार करने वाले माइक्रो ऑर्गेनिज्म भी काफी तादाद में पाए गए हैं। यही स्थिति आयड़ किनारे पैदा की जा रही सब्जियों की भी हो सकती है। लगातार ऐसी सब्जियों खाने से पाचन तंत्र संबंधी बीमारियां होती ही हैं। पेस्टीसाइड्स तो कैंसरकारी होते हैं। हेवी मेटल्स के कारण बोन मैरो, खून, लीवर व मस्तिष्क संबंधी बीमारियां हो सकती हैं। इन सब्जियों में क्रोमियम, कैडमियम, सीसा (लेड), आर्सेनिक, लोहा, तांबा आदि भी पाए जाते हैं। ऐसी सब्जियों में फंगस भी ज्यादा होती है।

एक्सपर्ट व्यू
खून बनने की प्रक्रिया से लेकर नाड़ी तंत्र डेमेज हो सकता है
एमबी अस्पताल के सीनियर फिजिशियन डॉ. वाय.एन. वर्मा के मुताबिक, सीवरेज के पानी से उगी सब्जियों के खाने से कई बीमारियां हो सकती हैं। टाइफाइड, हेजा, पीलिया,आंत्रशोथ के अलावा पेट का अल्सर होता है। इसके निरंतर सेवन से रक्त बनने की प्रक्रिया व नाड़ी-तंत्र भी डेमेज हो सकता है।

इस तरह की जा रही है आयड़ के सीवरेज से सब्जियों की खेती
खेतों में नदी तक पाइप लगाकर छोड़ा
अधिकांश खेतों में सीवरेज का पानी लेने के इंतजाम हैं। लोगों ने खेत से नदी तक पाइप डाल दिए। पाइप ऐसे डाले गए हैं कि सीधे तौर पर पता नहीं चलता। पाइप का एक मुंह खेत में और दूजा नदी के मुहाने। सिंचाई करने के लिए जनरेटर लगा कर उसे जोड़ दिया जाता है।

जनरेटर चलाया और छोड़ दिया
आयड़ नदी में एक जनरेटर चलता हुआ मिला। टीम ने जब पड़ताल की तो पता चला कि जनरेटर से जुड़ा पाइप जमीन के नीचे दबाया हुआ है और सामने सब्जी के खेत में इसकी लाइन जा रही थी। क्षेत्र में कई जगहों पर ऐसे जनरेटर लगे हुए हैं।

सीवरेज में पाइप छिपा पानी खींचा
कलड़वास में टीम को कई हैरान करने वाले नजारे दिखे। यहां कई खेतों में नदी से सीवरेज का पानी चुराया जा रहा था। एक खेत में जनरेटर से पानी लिया जा रहा था जबकि इसके सामने ही एक व्यक्ति नदी के सीवरेज पानी में पाइप छिपा रखा था।

खेती करने वाले ने कहा : क्या करें मजबूरी है, यहां तो सब ऐसे ही खेती करते हैं
जनरेटर से सीवरेज का पानी खींच रहे एक व्यक्ति से भास्कर ने बात की तो उसने कहा कि क्या करें साब, मजबूरी है। यहां सब सीवरेज के पानी से ही खेती करते हैं। ट्यूबवेल कुछ हैं पर पानी इतना नहीं मिलता। उसने बताया कि भिंडी, मिर्ची, पालक, टमाटर, तोरी व अन्य सब्जियां उगती हैं। हालांकि टीम को देख कर उसने जनरेटर बंद कर दिया।

निगम बोला
सीवरेज के पानी से खेती करने वालों पर एक्शन लेंगे
॥आयड़ नदी से सीवरेज का पानी लेकर खेतों में सिंचाई करने वालों के खिलाफ निगम कड़ी कार्रवाई करेगा। इस नदी की सफाई भी कराई जाएगी। इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उस दौरान भी हम पूरी नजर रखेंगे।हिम्मतसिंह बारहठ, कमिश्नर नगर निगम, उदयपुर।

Shabana Pathan
Shabana Pathanhttp://www.udaipurpost.com
Contributer & Co-Editor at UdaipurPost.com

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