उदयपुर। नीलकंठ फर्टिलिटी हॉस्पिटल में 36 घंटे में 12 निसंतान दंपतियों को संतान सुख मिलना संभव हुआ। इनके इलाज से लेकर डिलीवरी तक विशेषज्ञों की निगरानी में की गई। निदेशक डॉ. आशीष सूद ने बताया कि हॉस्पिटल की क्लोज्ड मोड्यूलर लैब व नवीन तकनीकों का उपयोग कर निसंतान दंपतियों को इलाज दिया गया।
क्या है एंब्रियो मॉनिटरिंग सिस्टम: डॉ. सूद ने बताया कि इसमें मां व पिता के शुक्राणु से भ्रूण तैयार कर तीन से चार दिन तक निगरानी में विकसित किया जाता है। सिस्टम के माइक्रो कैमरे भ्रूण के विकास पर 24 घंटे निगरानी रखते हैं और ग्राफ तैयार करते हैं।
तीन से चार सर्वश्रेष्ठ भ्रूण का चयन कर गर्भाशय में डाला जाता है। निसंतानता विशेषज्ञ डॉ. सीमी सूद ने दावा किया कि यह तकनीक दक्षिणी राजस्थान में पहली है।