बंद में घाटा 1000 करोड़ का

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IMG_0884उदयपुर, केन्द्रीय श्रम संगठनों का महंगाई व् भ्रस्टाचार के विरोध में राष्ट्र व्यापी दो दिवसीय ओध्योगिग बंद के आव्हान का असर उदयपुर संभाग में भी पूरी तरह रहा सभी श्रमिक संगठनों ने पूरी तरह काम काज ठप्प रखा और बंद का समर्थन देते हुए जिला कलेक्ट्री और सस्थानों कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन किया ।औद्योगिक बंद से परिवहन, औद्योगिक, ट्रांसपोर्ट, बैंकिंग, डाक सहित कई व्यवस्थाएं गड़बड़ा गई। पहले ही दिन करीब एक हजार करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित होने का अंदेशा जताया जा रहा है।

राष्ट्रव्यापी औद्योगिक बंद के आह्वान के तहत इंटक, भारतीय मजदूर संघ, सीटू, हिंद मजदूर सभा और एटक के संयुक्त तत्वावधान में बंद का नेतृत्व करने वाले सैकड़ों मजदूरों ने टाउन हॉल परिसर में दोपहर में सभा कर लंबित मांगों को पूरा करने के लिए प्रदर्शन किया। इसके बाद रैली के रूप में कलेक्ट्री पहुंचकर श्रमिकों ने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन दिया। रेली टाउन हॉल से शुरू हो कर सूरजपोल , झीनी रेत चौक , बड़ा बाज़ार , घंटाघर, हाथीपोल अश्विनी बाज़ार , देहली गेट होते हुए कलेक्ट्री पहुची जहाँ सभी श्रमिक नेताओं ने केंद्र सरकार की नीतियों को गलत ठहराते हुए बदती महंगाई और देश में फेल रहे भ्रष्टाचार का विरोध किया ।

 

बैंकों में 500 करोड़ का कारोबार प्रभावित : यूनाइटेड फ़ोरम ऑफ बैंक यूनियंस की ओर से उदयपुर के सभी 40 सरकारी और निजी क्षेत्र के बैंकों को भी बंद करा दिया गया। इससे करीब 125 करोड़ के नौ से दस हजार चैक और ड्राफ्ट अटक गए तथा करीब 500 करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित हुआ। बैंक यूनियंस के संयोजक डीके जैन के नेतृत्व पीएफ खींची, ओपी मूथा, जीएल जोशी सहित कई कर्मचारी सुबह नौ बजे दुर्गा नर्सरी रोड स्थित एचडीएफसी बैंक के बाहर एकत्र हुए। यहां से समाशोधन गृह (क्लियरिंग हाउस) को बंद कराने के बाद विभिन्न निजी बैंकों को बंद कराते हुए अलग-अलग टोलियों में बापूबाजार स्थित बैंक तिराहा पहुंची। यहां काफी देर तक प्रदर्शन करने के बाद सभी हड़ताली कर्मचारी ट्रेड यूनियन की रैली में सम्मिलित हुए।

 

rodwayjआधी रात के बाद रोडवेज बसों के ड्राइवर और कंडक्टर भी हड़तालियों के साथ हो गए तथा रोडवेज बसों के चक्के थम गए। रोजाना उदयपुर के केंद्रीय रोडवेज बस स्टैंड से करीब 326 बसों की रवानगी होती है। इससे उदयपुर आगार को करीब 11.50 लाख रुपए की आय होती है, लेकिन बसों के चक्के थम जाने के कारण यात्रियों को भी खासी असुविधाओं का सामना करना पड़ा। यहां कुछ अफसरों ने हड़ताल से दूर रहने की घोषणा करते हुए बसें चलाने का दबाव बनाया, तो श्रमिक संगठनों से जुड़ी हड़ताली कर्मचारी दो गधे ले आए तथा अफसरों का घेराव कर मुंह काला करने लगे, लेकिन एन वक्त पर पुलिस द्वारा बीच-बचाव करने और अफसर द्वारा हड़ताल का समर्थन करने के बाद स्थिति सामान्य हो पाई। बसों का बेड़ा थमा रहने से अन्यत्र जाने वाले यात्रियों को भारी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है।

औद्योगिक इकाइयों पर लटके ताले : कारखाना और श्रम विभाग के कर्मचारियों के भी हड़ताल में शामिल हो जाने के कारण पूरे मादड़ी, भामाशाह, गुड़ली, सुखेर, उमरड़ा और नाई औद्योगिक क्षेत्र में सुबह सात बजे से ही औद्योगिक इकाइयों पर ताले लटका दिए गए। राजस्थान इंटक के कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय सचिव जगदीशराज श्रीमाली ने बताया कि उदयपुर के सभी छह औद्योगिक क्षेत्रों के करीब एक-एक लाख श्रमिक कार्य करते हैं। हड़ताल के चलते औद्योगिक इकाइयों में करीब 250 करोड़ रुपए का उत्पादन ठप रहा।

benkहॉस्टिपल, ऑटो और स्कूल को छूट : आवश्यक सेवाओं को हड़ताल से दूर रखा गया है। इसमें रोड पर चलने वाले सवारी ऑटो तथा स्कूली ऑटो के अलावा अस्पताल पर कार्यरत श्रमिकों को हड़ताल में शामिल नहीं किया गया है।

भामसं के लोकेंद्र सिंह, सीटू के पीएल श्रीमाली, एटक के सुभाष श्रीमाली, हिंद मजदूर सभा के राजेंद्र मिश्रा के अलावा केएल मालवीय, नारायण गुर्जर, अमरसिंह सांखला, रÈीक मोहम्मद, मेघराज तावड़, बीएल सिंघवी, हीरालाल सालवी, विजयशंकर कुमावत, प्रतापसिंह, खुशवेंद्र कुमावत, महेश उपाध्याय, वेणीराम सावली, मोहन सियाल, सुनील चौधरी, हिम्मतसिंह, रोशन गायरी, हनीÈ मोहम्मद, दयाल सिंह, सुरेश अजमेरा, मदन प्रजापत, कृष्णा तिवारी के साथ महिला कर्मचारी चौसर देवी, प्रेमलता सोनी, शांता देवी, सुंदर देवी, लक्ष्मी बाई, सुमन कुंवर ने भी हड़तालियों का नेतृत्व किया।

 

केन्द्रीय श्रम संगठनों की समन्वय समिति की ओर से सरकार की जनविरोधी नितियों के खिलाफ ह$डताल को देखते हुए जिले एवं शहर में कानून एवं शान्ति व्यवस्था बनाये रखने के लिए कार्यपालक मजिस्टे्रट नियुक्त किये गये है।

जिला मजिस्टे्रट विकास एस. भाले ने बताया कि उदयपुर शहर के विभिन्न थाना क्षेत्रों के लिए अलग-अलग मजिस्टे्रट लगाये गये है। इसके साथ ही जिले के सभी उपखंड अधिकारियों को उनके क्षेत्र का इस अवधि के दौरान कार्यपालक मजिस्टे्रट के तहत विभिन्न शक्तियां प्रदत्त की गई है।

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