उदयपुर। जलझूलनी एकादशी के मौके पर शहर के तमाम मंदिरों से राम रेवाडिय़ां निकली। झीलों के सभी घाटों पर बेवाण लेकर पहुंचे श्रद्धालुओं ने नए जल से ठाकुरजी के स्नान मनोरथ किए। गंगोद्भव कुंड पर राम रेवाड़ी लेकर पहुंचे भक्तों की भारी भीड़।
लवाजमे के साथ निकली रामरेवाडिय़ां, घाट पर श्रद्धा की हिलोरें
जलझूलनी एकादशी, दोपहर बाद शहर भर मंदिरों से सजी-धजी राम रेवाडिय़ां निकली। ढोल-ढमके, झालर-डंके, थाली-मांदल की गूंज उठने लगी। रह-रहकर जयकारे लगे। ज्यादातर राम रेवाडिय़ों का रुख गणगौर घाट की ओर था। शाम 5 बजे से घाट पर श्रद्धा की हिलोरें उठने लगी। शाम ढल रही थी, झील किनारे भक्त श्रद्धा से सराबोर हो रहे थे। मंत्रों की गूंज, घंटियों की आवाज और शंख ध्वनियां श्रद्धा भाव जागृत कर रही थी। गाजे-बाजे और लवाजमे के साथ गणगौर घाट पहुंचे ठाकुरजी को भक्तों ने जल में झुलाया।
गणगौर घाट पर शाम 5 बजे पहली राम रेवाड़ी तीज का चौक स्थित मंदिर की पहुंची। इसके बाद जगदीश मंदिर, बांके बिहारी मंदिर और मां जी की बावड़ी स्थित मंदिर के बेवाण पहुंचे।
करीब 6 बजे तक 50 से अधिक मंदिरों के बेवाण घाट पर पहुंचे। एक समय स्थिति यह बनी कि घाट पर जगह की कमी होने पर राम रेवाडिय़ों को घाट के बाहर ही रोका गया। जगदीश चौक से गणगौर घाट तक हजारों की तादाद में भक्तों की मौजूदगी थी।
घाट पर कभी ‘हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की…’ जयकारे गूंज तो कभी ‘ओम जय जगदीश हरे…’ आरती। आरती के बाद जल के छींटे लेने को हर कोई लालायित दिखा। सेवकों ने बेवाण को कंधों पर उठाने से पहले ठाकुर जी को हिंडोलने दिए
अन्य घाटों पर भी रहा माहौल
आयड़ स्थित गंगू कुंड पर सुथारवाड़ा स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर, रावतवाड़ी आनंद नगर स्थित मंदिर, दक्षिण आयड़ स्थित चारभुजाजी मंदिर, बंजारा बस्ती स्थित मंदिर, बोहरा गणेश लाली सराय स्थित गोवर्धन नाथ मंदिर, पहाड़ा स्थित हनुमान मंदिर से राम रेवाडिय़ां पहुंचीं। इसी तरह से पीछोला के अन्य घाटों और गोवर्धन सागर पाल पर भी रेवाडिय़ां पहुंची।