स्वाइन फ्लू से १३ मौतें हो चुकी फिर भी अस्पताल में अव्यवस्थाओं का अम्बा

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imagesउदयपुर. एमबी अस्पताल में स्वाइन फ्लू से अब तक 13 मौतें हो चुकी हैं। औसतन हर रोज एक पॉजिटिव रोगी सामने आ रहा है। बावजूद इसके भी रोगियों की सुरक्षा और संक्रमण को लेकर अस्पताल प्रशासन गंभीर नहीं है।

सेप्टिक वार्ड को आईसीयू में तब्दील कर रोगियों को रखा जा रहा है। वार्ड को संक्रमण मुक्त करने के लिए भी अब तक कोई प्रक्रिया नहीं अपनाई गई है। वरिष्ठ विशेषज्ञ चिकित्सकों का मानना है कि सप्ताह में कम से कम एक बार तो वार्ड का फ्यूमीगेशन (संक्रमण मुक्त करने की प्रक्रिया) होना ही चाहिए।

ये हैं अव्यवस्थाएं

 1.अप्रशिक्षित स्टाफ

स्वाइन फ्लू वार्ड में सेवाएं दे रहे चिकित्साकर्मियों को मंत्रालय की तरफ से किसी तरह का विशेष प्रशिक्षण नहीं दिया गया है। अलग-अलग वार्डो से चिकित्साकर्मियों को बुलाकर सेवाएं ले ली जाती हैं।

 2. नहीं होता कल्चर टेस्ट

कल्चर टेस्ट एक प्रकार का बायोटेक्निकल प्रोसेस है। इससे किसी भी वातावरण में उपस्थित बैक्टीरिया व वायरस की संख्या का अंदाजा लगाया जाता है। स्वाइन फ्लू वार्ड में यह टेस्ट हर सप्ताह होना जरूरी है, जो यहां नहीं होता है।

 3. फ्यूमीगेशन

फ्यूमीगेशन वह प्रकिया है, जिसमें कुछ रसायन की सहायता से हवा में उपस्थित सूक्ष्म जीवाणुओं को मारा जाता है। इसके इस्तेमाल से दीवारों व फर्श को भी जीवाणु मुक्तरखा जाता है।

 4. बायोमेडिकल वेस्ट

बायोमेडिकल वेस्ट का भी समय रहते निपटान नहीं होता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि बायोमेडिकल वेस्ट यानी काम में लिए हुए मास्क, इंजेक्शन, कैप, ग्लव्स, रुई आदि का हर दूसरे घंटे में निस्तारण होना आवश्यक है। अधिक समय तक इनका निपटान नहीं होने से संक्रमण बढ़ने का खतरा रहता है।

 5. सुरक्षा एसेसरीज नहीं

वार्ड में परिजनों की सुरक्षा को लेकर कोई विशेष सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं। सर्जिकल मास्क के भरोसे उनकी आवाजाही होती है। इससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

6. दिशा निर्देश नहीं

वार्ड के बाहर या अंदर कहीं भी रोग या उससे बचाव को लेकर दिशा निर्देश नहीं हैं। इस कारण जिसका मन करा वह वार्ड के अंदर घुस जाता है। इससे आसपास के कई लोग भी परेशान हैं।

दो और रोगियों की मौत

एमबी अस्पताल के स्वाइन फ्लू वार्ड में बुधवार को दो और रोगियों की मौत हो गई। इसमें नाथद्वारा निवासी 40 वर्षीय महिला पॉजिटिव थी, जबकि 60 वर्षीय मृतक मंदसौर निवासी रोगी की जांच रिपोर्ट आने से पहले ही मौत हो गई थी। इसकी जांच रिपोर्ट गुरुवार को आएगी। इन्हें मिलाकर मृतकों की संख्या 13 हो गई है। इनका कहना है..

यह बात सही है कि गत कई दिनों से वार्ड में फ्यूमीगेशन नहीं हो पाया है। कल्चर टेस्ट भी लंबे समय से नहीं हो पाया है।

 डॉ. डीसी कुमावत, प्रभारी, स्वाइन फ्लू।

 

 

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