नारीश्वर राव
उदयपुर। उदयपुर की सेंट्रल जेल में बंद कैदियों को हर तरह का नशा मिल रहा है। शराब, भांग, अफीम, चरस गांजा, ब्राउन शुगर और हेरोइन सहित अन्य प्रकार के मादक पदार्थ जेल अधिकारियों की मिलीभगत से रोजाना भीतर पहुंच रहे हैं। नशाखोर अपराधियों की दिनचर्या में कोई फर्क नहीं आया है। वे हर समय अपने नशे में टुन्न रहते हैं।
यह खुलासा नये एमएमएस से हुआ है, जिसमें जेल की बैरक में कैदियों का एक समूह नशा करता हुआ दिखाई पड़ रहा है। ये कैदी चरस को जलाकर तंबाकू में मिलाकर चिल्लम के सुट्टे लगाते हुए दिखाई पड़ रहे हैं। यह क्चरस पार्टीञ्ज प्रशासन द्वारा मारे गए छापे में कुछ मोबाइल गवाने के गम को भुलाने के लिए हुई।
कैदियों से वसूली का मामला मददगार द्वारा खोलने के बाद जिला कलेक्टर के आदेश पर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने रविवार को केंद्रीय कारागार की तलाशी ली, जिसमें पांच मोबाइल व 4 चार्जर भी बरामद किए गए लेकिन हमारी पड़ताल यहीं नहीं थमी। इस जांच के बाद ही कैदियों ने जेल में क्रचरस पार्टीञ्ज मनाई, जिसका एमएमएस भी क्रमददगारञ्ज के पास आ चुका है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रभावशाली कैदियों के सामने जेल के अधिकारी कितने बौने हैं। इससे यह भी खुलासा हो गया है कि जेल में हुई प्रशासनिक जांच भी महज एक औपचारिकता पूरी करने के लिए ही की गई थी।
अधिकारियों की मेहरबानी से सब कुछ संभव
जेल के भीतर से कैदियों से मिल रही जानकारी के अनुसार जेल में नीचे से लेकर ऊपर तक के सभी अधिकारी भ्रष्ट है। प्रभावशाली कैदियों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। अधिकारी मोटी रकम लेकर हर तरह का नशा कैदियों तक पहुंचा रहे हैं। जेल में जाने वाले बड़े लोगों से रुपया लेकर उन्हें भी सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है। शराब, मांस और अन्य तरह से सभी नशे जेल में पहुंचाने की एवज में जेल अधिकारी व कर्मचारी झाड़ बना रहे हैं।
:मैं ये मानता हूं कि जेल में मादक पदार्थ तस्करी होकर पहुंच रहे हैं। बड़े अपराधियों के पास मोबाइल भी रहते हैं, लेकिन भ्रष्ट स्टाफ की पहचान कैसे करें। ये हमारे सामने सबसे बड़ी समस्या है। स्टाफ का कोई अधिकारी या कर्मचारी रंगे हाथों पकड़ा जाएगा, तो सीधा निलंबित किया जाएगा। इस मामले की मैं जांच करवाता हूं।
-ओमेंद्र भारद्वाज, डीजी (जेल)
सो.- मददगार