सरकारी अस्पताल में तार-तार हुई इंसानियत

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प्रसव पीडा से कहराती पत्नी के उपचार के लिए वह घूमता रहा रात भर..

महिला साथी साथ नहीं होने से भर्ती नहीं किया

बीच रास्ते पति ने पूर्ण कराई प्रसव क्रिया

जांच कमेटी गठित

उदयपुर, सिर्फ महिला परिचारक साथ नहीं होने से संभाग के सबसे बडे हॉस्पीटल से नकार दी गयी गरीब महिला ने आधी रात को सडक के बीच बच्चे को जन्म दिया और प्रसव कराया उसके पति ने। एक ही रात में बेबसी और मजबूरी की सारी हदे पार हो गई इसी रात को दुनिया बनाने वाले डाक्टर ’’ईश्वर’’ ने उन इंसानी भगवान डाक्टरों को अपना संदेश दे दिया कि साथी महिला अगर डाक्टर भी नहीं हो कोई आस पास नहीं हो आधी रात को तब भी प्रसव हो सकता है ओर इस दुनिया मे आने वाली नन्हीं जान सही सलामत आ सकती है।

प्रकरण के अनुसार गुरूवार रात एकलव्य कालोनी निवासी बाबु लाल गमेती जो कि ट्रेक्टर पर भराव उठाने का काम करता है की पत्नी चम्पा बाई को प्रसव पीडा के बाद अपनी एक साल की छोटी बेटी के साथ करीब ११ बजे महाराणा भूपाल चिकित्सालय ले गया। जहां पन्नाधाय जनाना में भर्ती फार्म भरने के बाद नर्सिंग कर्मी और डाक्टरों द्वारा यह कह कर प्रसव नहीं कराया कि पहले किसी महिला परिचारक को बुलाओं फिर प्रसव होगा तब तक बाहर बैठो। बाबु लील के लाख कहने पर की उसका यहां कोई नहीं ना ही उसके पास कोई मोबाइल है कि किसी को बुला सकता हूँ लेकिन गरीब की नहीं सुनी। बेबस बाबु लाल अपनी पत्नी चम्पा के साथ अस्पताल के गार्डन में रात डेढ बजे तक बेठा रहा बार बार जाकर पुछता रहा लेकिन उसकी किसी ने नहीं सुनी आखिरकार बाबु लाल ने अपनी पत्नी बेटी और अपनी बेबसी को लेकर पैदल ही अम्बामाता सेटेलाइट हॉस्पीटल पहुंचा वहां भी उसको महिला परिचारक नहीं होने से उसको चलता किया। थकहार कर रात ३ बजे बाबु चम्पा को लेकर सेटेलाइट से भी निकल गया सौ मीटर पहुंचा ही होगा की चरक हॉस्टल के सामने चम्पा को प्रसव पीडा बढ गयी ओर वहीं मिट्टी से भरे छोटे से गार्डन में चम्पा ने बच्चे को जन्म दिया और इस बच्चे को जन्म दिलाने में चम्पा का साथ देने वाला वहां सिर्फ उसका पति था। यहां दर्द ओर मजबुरी की इंतेहा थी बाबु जिसके एक हाथ में नवजात एक तरफ एक साल की बच्ची और मिट्टी में सुनसान रात में लेटी अधमरी हालत में उसकी पत्नी लेकिन हिम्मत अभी बाकी थी और इश्वर भी साथ था। दोनो बच्चो को उठाये उसकी पत्नी को सहारा दे जेसे तेसे बाबु लाल घर तक आया और शेविंग ब्लेड से बच्चे की नाल काटी। सुबह जब उसके सेठ हितेष छाजेड को बात पता तो हितेष ने उसकी पत्नी और बच्चे को हास्पीटली में भर्ती कराया।

इनका कहना है

इस सम्बन्ध में जनाना अध्यक्ष डा.राजरानी का कहना है कि हास्पीटल में रोज कितनी ही डिलीवरी होती है किसी को मना नहीं किया जाना पि*र भी हमने जांच कमेटी बनायी है जिसमें डा.अरूण, डा.पूनम पोसवाल और मेटनर्स कृष्णा माथुर है अगर कोई दोषी पाया गया तो कार्यवाही की जाएगी।

1 COMMENT

  1. Is tarah ke prkran hona hmare samaj ke liye shram ki bat h iske liye emergency doctor jo duty pe tha uske khilaf karywahi honi chahiye

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