सन्डे कविता

Date:

ज़िन्दगी -तेरे साथ

तुझे पाने के जूनून में खुद को खो दिया है 

तेरी सासों से मेरी सासें आखिर कब मिलेंगी.

आधे लिखे ख़त भी भीग गए हैं इन बरसातों में 

निगाहें तेरी कोशिश करे तो भी कैसे पढ़ेंगी,

अश्कों से नाता तोडना आसान न होगा

भूल के मुझे अब जब महफिले सजेंगी.

सहम जाओगे तुम मेरे इंतज़ार की हदें देख के 

आवाज़ हर धड़कन में बस तेरी ही मिलेगी,

तेरे बगैर मैं बिखर जाऊं तो मुझे समेट लेना

मौत के आँचल में सांसें मेरी उलझी मिलेंगी,

मैं फिर जो था शायद वो न बन पाऊ

ज़िन्दगी फिर भी यादों में मुझसे लिपटी मिलेगी,

                                                                            रचना : हरविंदर सलूजा “रूबल”

 

 

 

6 COMMENTS

  1. अश्कों से नाता तोडना आसान न होगा

    भूल के मुझे अब जब महफिले सजेंगी.

    सहम जाओगे तुम मेरे इंतज़ार की हदें देख के

    आवाज़ हर धड़कन में बस तेरी ही मिलेगी,very nice

  2. भूल के मुझे अब जब महफिले सजेंगी.
    सहम जाओगे तुम मेरे इंतज़ार की हदें देख के
    आवाज़ हर धड़कन में बस तेरी ही मिलेगी,
    तेरे बगैर मैं बिखर जाऊं तो मुझे समेट लेना
    मौत के आँचल में सांसें मेरी उलझी मिलेंगी,

    BAHUT HI KHOOB HAI YEH LINES TOU ………………..MINDBLOWING RUBAL……..KEEP IT UP…..GOD BLESS U MY DEAR…….SACHI MEIN DIL KE SAATH-2 ROOH KO BHI SAKOON MILTA HAI…….

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Get ready for your local granny hookup

Get ready for your local granny hookupLocal granny hookups...

Spice up your life and possess enjoyable inside our dirty chatrooms

Spice up your life and possess enjoyable inside our...

Get started now and find your match regarding the best sugar baby site

Get started now and find your match regarding the...