उदयपुर । अन्र्तराष्ट्रीय फैलोशिप ऑफ रोटेरियन म्युजिशन एवम् हारमनी म्यूजिक एण्ड डान्स क्लब के संयुक्त तत्वाधान में शाम-ए-गजल का आयोजन ऐश्वर्या रंगमच पर २८ अप्रैल को सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम समन्वयक श्रीमती शालिनी भटनागर ने बताया कि यह कार्यक्रम क्लब का सातवां कार्यक्रम था जिसमें सदस्यों ने उत्साह से शिरकत की एवं कार्यक्रम को सफल बनाया।
क्लब पदाधिकारी मंगेश्वर वैष्णव ने बताया कि कार्यक्रम का आगाज उस्ताद फैयाज खाँ द्वारा गाई गजल रफ्ता रफ्ता वो मेरी हस्ती का सामां हो गए से हुआ। उनके बाद मंजू मोदी ने तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो, हरिगोविन्द आचार्य – कसमें हम अपनी जान की, ममता धूपिया ने – दिल के अरमाँ, अरूण लाहोटी – तुमको देखा तो ये ख्याल, अर्चना जैन- ये दौलत भी ले लो, दीपश्री वर्मा- तुझसे नाराज नहीं, मंगेश्वर वैष्णव ने अपनी $गजलों से श्रोताओं को मंत्र मुग्ध किया।
दूसरे दौर में नीरज सनाढ्य ने स्वरचित गजल पेश की, इनके बाद उमेश असावा ने होठों से छू लो तुम, राघव भटनागर ने हम तो हैं परदेस में, डॉ. सीमा सिंह ने ऐ हुस्ने लाल, और तेरे आने की जब, रमेश मोदी ने आहट सी कोई आए, दीवारों से मिलकर, सज्जन जैन ने किसी नजर को तेरा, श्रीमती शालिनी भटनागर ने आज जाने की जिद ना करो, और सोचा नहीं अच्छा बुरा गजलें प्रस्तुत की। समापन फरमाईशी दौर में उस्ताद फैयाज खाँ द्वारा चुपके-चुपके रात दिन, हम तेरे शहर में आए है प्रस्तुत की।