उदयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट सहित राज्य की विभिन्न अदालतों में नौकरी दिलवाने के नाम पर बेरोजगारों से लाखों रूपए ठगने के मामले में भुपालपूरा थाना पुलिस के हत्थे चढ़े वकील ने पुलिस को अब तक करीब ७० से अधिक बेरोजगारों को ठगने की जानकारी दी है। इसके साथ ही पुलिस ने इस ठग अधिवक्ता के कब्जे से दो दर्जन से अधिक सीलें, एक दर्जन से अधिक नियुक्ति पत्र और कई बेरोजगारों के दस्तावेज बरामद किए है।
गौरतलब है कि भूपालपुरा पुलिस ने ९ अप्रैल को विनोद पुत्र शंभूदयाल पाठक निवासी बांसवाड़ा हाल खेरवाड़ा को ठगी के मामले में गिरफ्तार किया था। जांच में सामने आया कि आरोपी विनोद अधिवक्ता है और आरोपी ने बडग़ांव निवासी प्रकाश लखारा, कठार निवासी बाबूसिंह और साकरोदा निवासी रामसिंह से उनके पुत्रों को राजस्थान हाईकोर्ट में चपरासी और क्लर्क की नौकरी दिलवाने के एवज में लाखों रूपए ऐंठे थे। आरोपी ने हाईकोर्ट में अपनी अच्छी पहचान बताते हुए हाईकोर्ट से आदेश निकलवाकर लिपिक और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की नौकरी दिलवाने का झांसा दिया था। इसके साथ ही आरोपी ने प्रकाश से १.७० लाख, बाबूसिंह से १.७५ लाख, रामसिंह से २.४५ लाख रूपए लिए थे।
मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच की सामने आया कि आरोपी पिछले कई समय से इस तरह की ठगी का काम कर रहा है। कुछ वर्षों तक वकालात करने के बाद सफलता नहीं मिलने पर आरोपी ठगी के धंधे में उतरा था। पुलिस ने आरोपी से पूछताछ की तो पता चला कि आरोपी के पास कुछ सीलें पड़ी है। कड़ी पूछताछ में आरोपी ने इन सीलों को जोधपुर में एक होटल शांतिकमल एक बैग में रखा हुआ है। जिस पर पुलिस की एक टीम को जोधपुर भेजा और बैग जब्त कर उदयपुर लाया गया।
पुलिस ने जब बैग को खोला तो पुलिस भी हैरान रह गई। थानाधिकारी सतीश कुमार मीणा ने बताया कि बैग में हाईकोर्ट जोधपुर और जयपुर, चित्तौड़ कोर्ट, सेशन कोर्ट जयपुर, पुलिस अधिकारी, कार्यालय पुलिस अधिकारी, तहसीलदार बांसवाड़ा, इसके साथ ही हाईकोर्ट के जजों की हस्ताक्षरशुदा सीलें भी मिली है। आरोपी के खेरवाड़ा स्थित मकान से ४ लाख रूपए की नकदी बरामद की है। इसके साथ ही पुलिस को आरोपी के पास से एक दर्जन से अधिक नियुक्ति पत्र और दर्जनों अभ्यार्थियों के मार्कशीट, पहचान पत्र और दस्तावेज मिले है। पुलिस ने आरोपी को न्यायालय में पेश कर चार दिन के रिमाण्ड पर प्राप्त किया है।
७० से अधिक युवकों से की है ठगी
पूछताछ में सामने आया कि आरोपी विनोद पाठक ने अब तक ७० से अधिक लोगों से इस तरह की ठगी की वारदातें की है। थानाधिकारी ने बताया कि आरोपी न्यायालय में लिपिक की नियुक्ति के लिए ३ लाख रूपए और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की नियुक्ति के २.५० लाख रूपए लेता था। उसके बाद नियुक्ति पत्र देता था।
ऐसे आया पकड़ में
सूत्रों के अनुसार आरोपी विनोद पाठक ने रामसिंह और बाबूसिंह को नियुक्ति पत्र दे दिया था और प्रकाश को देने वाला था। आरोपी ने जो नियुक्ति पत्र दिए थे उसमें सीलें गलत लगा दी थी, इसी कारण दोनों ने पकड़ लिया और पुलिस के सुपुर्द कर दिया। बाद में लगातार पूछताछ में आरोपी पुलिस को गुमराह करता रहा और बाद में सख्ती से पूछताछ में सच बोल गया।
नहीं आए ठगी के शिकार
सूत्रों के अनुसार नौकरी दिलवाने के नाम पर लोगों से पैसे ठगने की जानकारी होने के बाद भी अभी तक ठगी के शिकार लोगों ने पुलिस से सम्पर्क नहीं किया है। पुलिस मानना है कि ठगी का शिकार होने के बाद लोग बदनामी के डर से नहीं आते है।