को व्यक्त करने का हक़ है. कोई भी देश में भ्रष्टाचार नहीं चाहता है. और कोई इंसान वकालत करता है कि देश में भ्रष्टाचार ना हो तो ऐसा कहने का उसे अधिकार है. कानून व्यवस्था को सभी जानते हैं. और उसके अनुसार कोई चलता है तो किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए.”
वहीं नाना पाटेकर अन्ना हज़ारे के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं, “अन्ना हज़ारे हमारे बुज़ुर्ग हैं. 74 साल की उम्र में वो अनशन कर रहे हैं. सरकार को चाहिए कि वो जल्द उनके साथ बात करे. मुझे लगता है कि उन्हें कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए.”
शाहिद कपूर ने लोकपाल बिल पर तो कुछ टिप्पणी करने से इंकार कर दिया लेकिन उन्होंने जनता की इस मुहिम को सही करार दिया. शाहिद कपूर ने कहा “मेरा मानना है कि भ्रष्टाचार के ख़िलाफ आवाज़ उठाना एक पुण्य काम है. आम जनता सड़क पर आकर भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आवाज़ उठा रही है. ये काफ़ी बड़ी बात है. मैं उम्मीद करता हूँ कि हम एक ऐसा समाधान ढूँढ सके जो व्यवहारिक भी हो.”
श्रेयस तलपड़े ने अन्ना हज़ारे को गिरफ़्तार किए जाने को ग़लत कदम बताया. वो कहते हैं, “मैं पूरी तरह से अन्ना हज़ारे का समर्थन करता हूँ. कल ही मैंने फ़ेसबुक पर लिख़ा कि क्या मुझे श्रावण के व्रत के लिए भी अनुमति लेनी पड़ेगी. पूरा देश भ्रष्टाचार से मुक्ति चाहता है.”
जहाँ सब अन्ना का समर्थन कर रहे हैं वहीं बॉलीवुड में कुछ लोग ऐसे भी है जो इस मुद्दे को अन्ना समर्थक और अन्ना विरोधी के नज़रिए से नहीं देखे जाने के पक्ष में हैं.
फ़िल्म निर्माता महेश भट्ट कहते हैं, “अन्ना समर्थकों को ये समझना चाहिए कि जो आपके बिल के साथ नहीं है इसका मतलब ये नहीं है कि वो भ्रष्टाचार का समर्थक है.”
महेश भट्ट कहते हैं, “हम अन्ना के बिल से सहमत नहीं हैं. हां, भ्रष्टाचार के ख़िलाफ अन्ना की जंग हम सब सहमत हैं. मैं मानता हूँ कि सरकार के बिल में भी कमियाँ हैं और अन्ना का लोकपाल भी ख़तरनाक है. ये कहना कि हमारा ही बिल संपूर्ण है, ग़लत है.