उदयपुर. लक्ष्मी पूजन के लिए प्रदोष काल का शुभ मुहूर्त सायंकाल 5.56 से 8.06 बजे रहेगा। इसके अलावा जो लोग इस अवसर पर विशेष अनुष्ठान करवाना चाहते हैं, उनके लिए दिवा काल में लाभ अमृत 6.42 बजे से 9.30 बजे तक, दूसरा शुभ समय 10.54 से 11.55 बजे तक, चंचल एवं लाभ का समय अपराह्न 3.07 से शाम 5.56 तक रहेगा। रात्रि काल में श्रेष्ठ समय शुभ अमृत एवं चर शाम 7.21 से रात 12.15 बजे तक रहेगा।
स्थिर लग्न में पूजन शुभ : पं. प्रकाश परसाई ने बताया कि लक्ष्मीजी के विशेष अनुष्ठान करने के लिए स्थिर लग्न के वृषभ लग्न में शाम 7.05 से रात्रि 9.02 बजे तक और कुम्भ लग्न में दोपहर 2.40 से शाम 4.10 बजे तक श्रेष्ठ शुभ मुहूर्त है। इसके अलावा पूजन में विशेष रूप से मुद्रा (चांदी या अन्य सिक्के), शंख, मोती मूंगा, कमल पुष्प या कमल कोंकड़ी, सुगंधित द्रव्य, बेल फल, गन्ना और ऋतु फल इत्यादि महालक्ष्मी जी को अर्पित करें।
एवं प्रसाद के रूप में ग्रहण करें तो यह वृद्धि व उन्नति के कारक होंगे।
पूजा के श्रेष्ठï मुहूर्त (चौघडिय़ा के अनुसार)
गोवर्धन पूजा का मुहूर्त : गुरुवार शाम 4:21 से रात्रि 7:20 तक श्रेष्ठ मुहूर्त। गोवर्धन स्थापना के लिए सुबह 6:37 से 8:00 तक शुभ एवं 10:47 से 12:11 तक चर का चौघडिय़ा
भैया दूज पर पूजन का मुहूर्त : कार्तिक शुक्ल द्वितीय पर शुक्रवार को यम का पूजन किया जाएगा। इस दिन व्यापारी व अध्ययन अध्यापन व लेखन से जुड़े लोग, कलम दवात का पूजन करेंगे। भाई दूज एवं कलम दवात पूजन के लिए सुबह 6.38 से 10.48 चर, लाभ व अमृत के चौघडि़ए का समय श्रेष्ठ है।