भावेश जाट/ मनीष पंचाल
उदयपुर। देश में किसी रेलवे स्टेशन या फिर किसी रेल में ब्लास्ट होता है, तो उदयपुर के रेलवे स्टेशनों पर कुछ दिनों के लिए सुरक्षा बढ़ा दी जाती है, अन्यथा सब कुछ राम भरोसे रहता है। क्र मददगार ञ्ज ने गुरुवार दोपहर तीन से चार बजे तक रेलवे स्टेशन की टोह ली, तो जो सच सामने आया, वो होश उड़ाने वाला था।
रेल्वे स्टेशन पर नहीं है कोई सुरक्षा
मददगार रिपोर्टर ने जब स्टेशन पर रियल्टी को चेक किया तो रेलवे की पोल खुल गई। एक व्यक्ति रेलवे स्टेशन पर बिना प्लेटफॉर्म टिकट लिए आराम से घूमता रहा, मगर जीआरपी, आरपीएफ या रेलवे के किसी ऑफिसर ने उससे किसी भी प्रकार की कोई पूछताछ नहीं की। यहां तक कि मुख्यद्वार का मेटल डिटेक्टर भी बंद मिला।
पूछताछ विंडो
इस विंडो पर हर वक्त किसी कर्मचारी की मौजूदगी जरुरी है लेकिन वहां कोई नही था। केवल एक ही विंडो पर रेलवे का कर्मचारी बैठा मिला बाकी सारे खाली पड़े हुए थे।
प्लेटफार्म न.१
यहां स्थित रेलवे सुरक्षा बल का यात्री सहायता बूथ भी हमेशा खाली ही पड़ा मिलता है। वहां कोई सुरक्षाकर्मी या रेलवे कर्मचारी नहीं मिलता। प्लेटफार्म न. २ पर भी यही हालात बने हुए है। शाम क ो आने वाली मेवाड़ एक्सपे्रस में रिपोर्टर बिना टिकट अन्दर गया, फिर भी उसे किसी ने नहीं रोका।
प्रतापनगर रेलवे स्टेशन
शहर के प्रताप नगर रेलवे स्टेशन पर भी सुरक्षा के कोई इन्तजामात नही दिखे। वहां पर कोई भी यात्री किसी भी प्रकार की कोई भी वस्तु लेकर बिना प्लेटफॉर्म टिकट के आ जा सकता है। जिससे प्लेटफॉर्म पर कभी भी कोई भी बड़ा हादसा होने की आशंका है। स्टेशन पर न तो कोई सीआरपीएफ का पुलिसकर्मी नजर आया नहीं कोई दूसरा पुलिसकर्मी जबकि रेलवे की ओर से स्टेशन के अंदर ही चौकी भी बनी हुई है।
रेलवे एक्ट के तहत होती है कार्रवाई
रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन की मानें तो पैसेंजर्स से हमेशा अपील की जाती है कि वह ट्रेन में ज्वलनशील पदार्थ जैसे- गैस सिलेंडर, पटाखा, केरोसिन, स्टोव आदि लेकर यात्रा न करें. इसके लिए न्यूजपेपर्स, रेडियो और स्टेशन परिसर में भी प्रॉपर एनाउंसमेंट कराया जाता है। इसके अलावा स्टेशन परिसर में ज्वलनशील पदार्थ यूज करने की इजाजत भी नहीं है। अगर कोई ऐसा करते पकड़ा जाता है , तो रेलवे एक्ट के तहत उस शख्स के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। क्रमददगारञ्ज रिपोर्टर के इस रियल्टी चेक में ये बात तो साफ हो गई कि सिटी रेल्वे स्टेशन पर भारी असुरक्षा है। न तो जीआरपी को सिक्योरिटी की चिंता है, न आरपीएफ को। गौरतलब है कि हाल ही में मुंबई-देहरादून एक्सप्रेस में हुए हादसे से सबक लेते हुए रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन ने निर्णय लिया था कि जंक्शन और ट्रेन में विस्फोटक पदार्थों को लेकर शेष चेकिंग की जाएगी। लेकिन ऐसा कुछ होता नहीं दिखा।
: यात्री सहायता बूथ पर पुलिसकर्मी की कमी के कारण उपस्थित नहीं रह पाते है एवं जो बिना प्लेटफार्म टिकट के बिना अन्दर जाता है उससे २५० रूपये चार्ज किया जाता है। अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो दुबारा निर्देश दिए जाएंगे और टी.टी के द्वारा सख्त चैकिंग करवाई जाएगी। – हरफूल सिंह चौधरी, क्षेत्रीय रेल अधिकारी।
रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा में कोताही से अनहोनी की आशंका
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