उदयपुर। हाईकोर्ट बैंच की मांग को लेकर चल रहे वकीलों के आंदोलन पर राहुल गांधी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आश्वासन के बाद विराम लग गया है। आज से सभी अधिवक्ता काम पर लौट गए हैं। कोर्ट में न्यायिक कार्य सुचारू रूप से चल रहा है। हाईकोर्ट बैंच की मांग को सांसद रघुवीर मीणा ने भी प्रमुखता से राहुल गांधी के सामने रखा था, जिस पर राहुल ने उन्हें दिल्ली में इस मुद्दे पर चर्चा करने की बात कही। उन्होंने कहा कि अगर यहां की जरूरत है हाईकोर्ट बैंच, तो जरूर इस संबंध में आगे की कार्रवाई करेंगे। इससे पहले मुख्यमंत्री ने भी सकारात्मक रवैया रखते हुए कल हाईकोर्ट बैंच संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल को वार्ता के लिए सर्किट हाउस में बुलाया। प्रतिनिधि मंडल को विस्तार पूर्वक सुनकर एवं उक्त मांग के संबंध में ज्ञापन प्राप्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मेवाड़-वागड़ क्षेत्र के अधिवक्ताओं का आंदोलन औचित्यपूर्ण है। मगर जयपुर, जोधपुर के अधिवक्ताओं ने जो आंदोलन किया उसका कोई औचित्य नहीं था। मुख्यमंत्री ने यह भी स्वीकार किया कि मेवाड़-वागड़ क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य इलाका होने के कारण यहां के लोगों को न्याय प्राप्त करने में समस्या आ रही है। मुख्यमंत्री से वार्ता के दौरान प्रतिनिधि मंडल ने कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात करवाने के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वो जरूर राहुल गांधी से मुलाकात करवाएंगे और प्रतिनिधि मंडल ने राहुल गांधी से डबोक हवाई अड्डे पर मुलाकात की। मुलाकात के समय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. चन्द्रभान मौजूद थे। प्रतिनिधि मंडल ने राहुल गांधी को आदिवासी क्षेत्र की विशेष परिस्थितियों से अवगत कराया कि इस इलाके में हजारों लोग उदयपुर में उच्च न्यायालय न होने से जेलों में बंद है तथा कई महत्वपूर्ण मामलों में अपीले करने से वंचित रहते हैं। इस क्षेत्र के लोगों की भाषा जोधपुर के वकीलों को समझ नहीं आती है। उनकी अत्यन्त ही दयनीय स्थिति है। राहुल गांधी को उदयपुर में उच्च न्यायालय की खंडपीठ स्थापित करने के लिए विस्तृत ज्ञापन दिया। जिस पर राहुल गांधी ने आश्वासन दिया कि वो इस इलाके की समस्या के संबंध में उदयपुर में उच्च न्यायालय की खंडपीठ की मांग के संबंध में गंभीरतापूर्वक विचार करेंगे। प्रतिनिधि मंडल में मेवाड़-वागड़ हाईकोर्ट बैंच संघर्ष समिति के संयोजक रमेश नंदवाना, महासचिव शांतिलाल पामेचा, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भरत कुमार जोशी, संरक्षक फतहलाल नागौरी एवं अधिवक्ता अनुराग शर्मा थे, जिन्होंने यह भी बताया कि राहुल गांधी से मुलाकात कराने में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का विशेष योगदान रहा।