रतनपुर परिवहन चैक पोस्ट पर भ्रष्टाचार ब्यूरो का छापा
रसीदों के अलावा दो लाख रूपये अवैध रूप से वसूले हुए पाये
प्राईवेट व्यक्तियों के हाथो संचालित हो रहा था चैक पोस्ट
कार्यवाही के बाद राज्यभर में मचा हडकम्प
हाईवे से गुजरने वाले वाहनधारियो ने पाया सुकुन
उदयपुर , अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो)अजीत सिंह शेखावत के निर्देशानुसार राष्ट्रीय राजमार्ग नं. ८ रतनपुर पर स्थित परिवहन चैक पोस्ट पर लगातार ट्रक चालको से हो रही चौथवसूली की शिकायतों के आधार पर विगत ६ माहो से चलाये जा रहे अभियान के तहत भ्रष्टाचार ब्यूरो के उदयपुर संभाग के पुलिस महानिरीक्षक टी.सी. डामोर के निर्देश पर २ अप्रैल की भौर को चार टीमो द्वारा आकस्मिक की गई छापेमारी कार्यवाही में दो लाख से अधिक की राशि अवैध रूप से वसूली हुई पाई गई। साथ ही मौके पर एक परिवहन निरीक्षक, लेखा-लिपी के अलावा कोई भी सरकारी कर्मचारी मौके पर नहीं पाया गया। डामोर ने बताया कि ब्यूरो को विगत लम्बे समय से रतनपुर परिवहन चैक पोस्ट पर परिवहन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा ठेके के गार्डो व प्राईवेट व्यक्तियों के माध्यम से इस चैक पोस्ट से गुजरने वाले वाहनों से भारी तादाद में चौथवसूली की जा रही है। इसी आधार पर चार टीमो का गठन किया गया जिसमें जयपुर मुख्यालय से ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुष्पेन्द्रसिंह राठौड, जितेन्द्रसिंह पुलिस निरीक्षक मय जाप्ता, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीआईडी दिलीपसिंह चूण्डावत, अपराध शाखा उदयपुर, एसीबी प्रतापगढ के पुलिस उप अधीक्षक रामनिवास, पुलिस निरीक्षक दिनेश सुखवाल, कार्यालय पुलिस महानिरीक्षक एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो उदयपुर के पुलिस निरीक्षक कन्हैयालाल गुर्जर, बालकिशन डांगी, कार्यालय सहायक मय स्टॉफ तथा पुलिस लाईन उदयपुर सहित डूंगरपुर के जाप्ते ने अचानक २ अप्रैल की भोर तीन बजे अचानक चैकिंग की तो हडकम्प मच गया। ब्यूरो द्वारा की गई इस कार्यवाही में चैकिंग पोस्ट पर गार्ड विक्रम सिंह, भगवानसिंह, चतरभूषण एवं प्राईवेट व्यक्ति गोपाल शर्मा की अलग-अलग जैबो से राशि बरामद हुई। साथ ही चैक पोस्ट के पास वाले कमरे में भी अवैध रूप से इकठ्ठी की गई राशि बरामद की। ब्यूरो द्वारा जब चैक पोस्ट के काउंटर पर काटी गई रसीदो का योग किया तो कुल राशि ७४ हजार रूपया सरकारी खाते में पाया गया जबकि मौके पर २ लाख ७५ हजार रूपया बरामद किया। इस तरह कुल २ लाख रूपया अवैध रूप से इन गार्डो द्वारा वाहनों से अवैध रूप से वसूला गया था।
इस दौरान जब पूछताछ की गई तो परिवहन चैक पोस्ट पर नियुक्त डीटीओ, तीन इन्स्पेक्टर, दो सरकारी गार्ड, संविदा गार्ड एवं लिपिक के पद स्थापन होने के बावजूद एक भी जिम्मेदार अफसर मौके पर नहंी मिला। वहां पर तैनात परिवहन निरीक्षक नरेन्द्र कुमार बाघवानी रात्रि को चला गया था जिसका निवास भी गुजरात राज्य में स्थित था। ब्यूरो के अधिकारी जब उक्त अधिकारी के निवास पर पहुंचे तो बाहर से ताला लगा हुआ था जबकि उक्त परिवहन निरीक्षक अन्दर ही था जिसे मौके पर लाया गया। केस काउंटर पर लेखा कार्मिक तथा दो प्राईवेट व्यक्ति रामेश्वर सिंह एवं दीपक सिंह मिले। जबकि अन्य कार्मिक नदारद थे। कार्यवाही के दौरान यह बात भी सामने आई कि चैक पोस्ट पर पदस्थापित परिवहन अधिकारी प्रकाशसिंह राठौड सप्ताह में एक बार ही औपचारिक रूप से आकर चले जाते है इनका मकान भी उदयपुर में है। इसके अलावा तीनो निरीक्षको की ड्यूटी आठ-आठ घंटो के शिफ्टो के आधार पर है लेकिन वहां पर भी एक ही निरीक्षक संविदा कर्मियो के साथ पाया जाता है जबकि वहां पर वसूली जाने वाली अवैध राशि में सभी बराबरी का हिस्सा लेते है। डामोर ने बताया कि चैक पोस्ट पूरी तरह निजी कर्मचारियो के हाथों में सौप रखा था जिससे राजकीय राशि के अलावा अवैध रूप से राशि वसूलने का कारोबार भी बेरोकटोक चलाया जा रहा था। उसी आधार पर ब्यूरो ने परिवहन चैक पोस्ट के समस्त रिकार्ड को सील कर दिया साथ ही परिवहन निरीक्षक लेखा कार्मिक सहित १३ निजी व संविदा कर्मियो को ऐतिहातन तौर पर ब्यूरो ने अपने कब्जे में ले रखा है। जैसे ही रतनपुर चैक पोस्ट पर ब्यूरो की कार्यवाही हुई वैसे ही उस मार्ग से गुजरने वाले वाहनधारियों से चौथवसूली का सिलसिला रूक गया और वहां से गुजरने वाले वाहनधारियो के चालको का चेहरा खुशी से नजर आया। यहीं नहीं ब्यूरो की कार्यवाही के दौरान जब मौके पर संवादादाता पहुंचा और फोर लेन के डिवाईडर पर वहां का नजारा देख रहा था तो गुजरने वाली ट्रक पास आकर रूक जाती और १.. रू. की राशि निकालकर नियमित रूप से जारी प्रक्रिया के आधार पर देने की कोशिश करते लेकिन जब पता चलता कि आज तो कार्यवाही होने के कारण अन्य कोई व्यक्ति खडा है तो वे मुस्कुरा कर अपने गन्तव्य मार्ग की ओर निकल जाते। ब्यूरो द्वारा की गई कार्यवाही की डूंगरपुर जिला मुख्यालय से लगाकर जयपुर तक चर्चाओं का दौर रहा कि लम्बे अरसे बाद रतनपुर चैक पोस्ट पर स्थानीय प्रशासन को छोडकर सीधे जयपुर से ही कार्यवाही को अंजाम दिया गया। इस दौरान डूंगरपुर जिले का पुलिस दल भी मौजुद था।