उदयपुर , । सुखाडिया विश्वविद्यालय उदयपुर एवं भारतीय विश्वविद्यालय संगठन, नई दिल्ली तथा खेलकूद एवं युवा मामलात मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ’27 वाँ पश्चिमी क्षेत्र्ा अन्तर्विश्वविद्यालय युवा महोत्सव’ समापन समारोह शुक्रवार को रंगारंग प्रस्तुतियों के साथ हुआ। ’अब तो जाते हैं बुतकते से मीर, फिर मिलेंगे गर खुदा ने मिलाया’ कुछ ऐसे ही भाव युवा महोत्सव के समापन पर सभागार में उपस्थित हर प्रतिभागी के चेहरे पर दिखाई पडे।
समापन समारोह को संबोधित करते हुए ग्रामीण विकास एवं पंचायटी राजमंत्रि महेन्द्रजीत सिंह मालवीय कहा कि युवाओं की ताकत के बल पर ही भारत ने विश्व स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि 500 वर्ष पुराने लोक गीतों में भी 21वीं सदी के भारत की परिकल्पना विद्यमान थी। उन्होंने कहा कि जनजातीय विकास को ध्यान में रखते हुए टी.आर.आई में अकादमिक गतिविधयों बढावा देकर इसे विश्वविद्यालय से सम्बद्ध किया जाएगा।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि संसदीय सचिव गजेन्द्र सिंह शक्तावत ने ’जिन्दगी तो अपने दम पर जी जाती है, दूसरों के दम पर तो जनाजे उठा करते हैं’ इन पंक्तियो के माध्यम से युवाओं को अपनी शक्ति पहचानते हुए हर परिस्थिति में अपने लक्ष्य के प्रति दृढ संकल्प होकर आगे बढते रहने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि ’सक्सेस इज नॉट परमानेंट एण्ड फेलियर इज नॉट फाइनल’ इसलिए प्रतियोगिताओं में विजेताओं को पूरे जोश के साथ आगे बढना ही चाहिए साथ ही असफल प्रतियोगिताओं को भी निराश होने की आवश्यकता नहीं है। शक्तावत ने विवि में मेडिकल सुविधा की आवश्यकता को महसूस करते हुए विधायक कोटे से हेल्थ सेण्टर की स्थापना के लिए 10 लाख रुपयों देने की घोषणा की। इस अवसर पर उदयपुर की नगर परिषद सभापति रजनी डाँगी एवं उदय्ापुर ग्रामीण विधायक श्रीमती सज्जन कटारा ने भी विचार व्यक्त किए।
मालवीय ने गाया वागडी गीतः मालवीय भी युवा महोत्सव के रंग में ऐसे रंगे कि वे भी अपने आपको वागडी गीत सुनाने से रोक नहीं पाए। ’जाग किसान भाई तू किण निदरा में हूतो रे’ गीत सुनाकर श्रोताओं की तालियाँ बटोरीं।