प्रतिनिधि मण्डल ने बताई मुख्यमंत्री को पीडा
कलेक्टर से तत्काल मांगी है रिपोर्ट
उदयपुर, निर्माण निषेध क्षेत्र में मकान तोडने के नोटिस से पीडितों ने सोमवार को राजस्थान जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष दिनेश तरवाडी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री से भेट की और समस्या से अवगत कराया मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टर को फ़ोन कर जानकारी ली व तुरन्त रिपोर्ट भेजने के आदेश दिये।
निर्माण निषेध क्षेत्र में जबसे मकानों को तोडने के नोटिस यूआईटी व नगर परिषद द्वारा दिये गये तबसे जनता की नींदे हराम हो गयी है। पीड़ितों द्वारा नगर परिषद कलेक्ट्री पर धरने क बाद रविवार की रात को राजस्थान जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष दिनेश तरवाडी के नेतृत्व में जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिले। ४०-५० की संख्या में पहुंचे पी$िडतों ने मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी परेशानी बताई कि अधिकारियों और नगर परिषद , यूआईटी की वजह से हाईकोर्ट के समक्ष आमजनता का सही पक्ष नहीं रखा गया और गरीब जनता के मकान भी झील किनारे बनने वाली होटलों की श्रेणी में कर दिये। पीडितों के साथ पहुंचे दिनेश मकवाना, कमलेश जावरिया व दुर्गेश शर्मा ने मुख्यमंत्री से जनता के मकानों को टूटने से बचाने की गुहार लगाते हुए कहा कि अगर जनता के मकान टूटे तो और कोई रहने की जगह नहीं है। मुख्यमंत्री ने फ़ोन पर उदयपुर जिला कलेक्टर से जानकारी ली तथा तुरन्त रिपोर्ट भेजने को कहा। दिनेश तरवाडी ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आश्वस्त किया कि जन भावना का ख्याल रखते हुए सरकार के स्तर पर हर संभव प्रयास किये जायेंगे। मुख्यमंत्री से मिलने के बाद प्रभावित लोग मुख्य सचिव सी.के.मैथ्यु से भी मिले ओर उन्हे जनता की परेशानी से अवगत कराया।
मुख्यमंत्री को अब तक कुछ पता नहीं : मुख्यमंत्री से मिलने गये पीडितों ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को झील निर्माण निषेध क्षेत्र में आम जनता के मकान टूट रहे है हजारों लोग प्रभावित हो रहे है। शेष धरने प्रदर्शन हो रहे हे। लेकिन इसका कुछ भी पता नहीं उन्हे तो पता ही आज चला। पिछले एक महिने से पीडित लोग, कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दे रहे है कई जनप्रतिनिधि से मिल रहे है। सभी प्रतिनिधि बडे बडे वायदे कर रहे है। लेकिन मुख्यमंत्री तक यह समस्या किसी ने नहीं पहुंचाई।