“मंदिर मस्जिद मुद्दा हुआ पुराना आओ मिलकर खून बहायें फेसबुक का है जमाना”

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उदयपुर , सबसे पहले तो मै उन धर्म के ठेकेदारों को बधाई देना चाहता हु , जो अपने फायदे के लिए , हम हिन्दुस्तानियों को धर्म के नाम पर गुमराह कर के बड़ी आसानी से अपना मतलब साध लेते है वो धर्म के ठेकेदार सच में बधाई के हक दार है , क्यों की अब हम हिन्दुस्तानी मंदिर मस्जिद मुद्दे को समझ गए है और इस पर हम आपस में नहीं लड़ सकते , लेकिन फिर भी हमारी फितरत कहो या कमजोरी धर्म के नाम पर हम कोई भलाई का काम करे या न करे , अल्लाह , भगवान को हम याद करे या न करे लेकिन धर्म के नाम पर हम एक दुसरे के खून के प्यासे जरूर हो जाते है | और इतने वेह्शी हो जाते हे की हमे अच्छे बुरे की कोई तमीज़ नहीं रहती , बरसों तक मंदिर मस्जिद मुद्दे पे खून खराबा कर के अब दुश्मनी हमारी आदत होगई है |

लेकिन आखिर मंदिर मस्जिद मुद्दे पर कब तक लड़ते , हमे पता चल गया की ये कुछ हुक्मरान और धर्म के ठेकेदार , और सत्ता की लालच में डुबे हमारे नेता हमको इस मुद्दे पर आपस में लड़ा रहे है | इस लिए समस्या उन वेह्शी लोगों की भी थी के अब हिन्दू मुस्लिम को हम धर्म के नाम पे किस तरह से आपस में लड़ाएं ये मंदिर मस्जिद वाली घटिया चाल तो आम हिन्दुस्तानी समझ गया है | और यही समस्या हम आम हिन्दुस्तानी की भी थी के आखिर अब ऐसा क्या हो के हम आपस में एक दुसरे के खून के प्यासे हो जाएँ | लो सब को मुबारक उन हुक्मरानों को भी मुबारक और हम हिन्दुस्तानियों को भी मुबारक | “मंदिर मस्जिद मुद्दा हुआ पुराना आओ मिलकर खून बहायें फेसबुक का है जमाना” , नया ज़माना नयी सोच और इस नयी सोच का कोई अंत नहीं , हमे सोशल नेटवर्किंग और फेसबुक के बारे मै पता हो या ना हो हमे एक नया मुद्दा मिलगया हे आपस में जम कर खून बहाने का और इस मोके को हम किसी भी सूरत में हाथों से जाने नहीं देगे | वो सत्ता लालची लोग और धर्म के ठेकेदार जो ऊंघ रहे थे उनकी भी अब पो बारह होगई ये घर बेठे आगया एक नया तरीका | मेरे हिन्दुस्तानी भाइयों फ़िक्र मत करो , 50 करोड़ यूज़र हे फेसबुक के कोन कहाँ से कब पोस्ट कर दे क्या पोस्ट करदे ये अब किसी के बस में नहीं | और जिसतरह से हम आपस में झगड़ के इस को अपने बस में करना चाहते हे उस तरह से तो कभी नहीं , इसलिए फिकर मत करो अब हमारे नेता और कुछ धर्म के ठेकेदार ऐसी बातों को हवा देते रहेगे और हम आपस में खून खराबा करके अपनी प्यास बुझाते रहेगे ,

नयी तकनीक नया ज़माना इरादा पुराना

क्या हुआ अगर नया ज़माना हे नयी तकनीक है , हमारे इरादे तो वही पुराने हे , वो ही आपस में एक दुसरे की जान लेने के , हम ये बिलकुल भी नहीं सोचना चाहते की फेसबुक क्या हे इस पर किसने क्यों और क्या अपलोड किया , कोन ऐसा कर सकता हे नहीं हम ऐसी समझदारी की बाते नहीं समझेगें हमको तो बस एक ही बात समझ आती है की अगर फेस बुक पर कोई मुस्लिम विरोधी पोस्ट की तो वो जरूर किसी हिन्दू ने की होगी और अगर किसी ने हिन्दू विरोधी पोस्ट की तो जरूर किसी मुस्लिम ने की होगी , और वो हिन्दू या मुस्लिम कोई और नहीं हमारे आस पास का पडोसी या हमारा दोस्त ही हे इसीलिए हम बिना कुछ सोचे समझे आपस में लड़ जायेगे ये है हमारी सोच , और उन लोगों को भरपूर मोका देगे जो ऐसे दंगो को अपनी सत्ता या अपने फायदे के लिए इस्तमाल करते है |

आखिर क्या करें….

मै ये नहीं कह रहा की फेसबुक पर जो शर्मनाक करतूत हुई उसको भुला दिया जाए या उसका विरोध नहीं किया जाए , लेकिन मेरे भाइयों ज़रा थोड़ी सी अक्ल से काम लो , के इसका विरोध अगर करना है तो केसे करे , कहा करे , और ऐसा क्या करे के ऐसी वाहियात हरकत करने वाले खुद ही शर्मशार और परेशान होकर ऐसी करतूत बन्द कर दे | मेरा उन सभी मुस्लिम और हिन्दू भाइयों से अनुरोध है के ऐसी करतूत का सही ढंग से विरोध करे | और ऐसी पोस्ट या अपलोड को सिरे से नकार दे , फेसबुक पर न तो हम किसी हिन्दू कट्टर पंथी पेज या ग्रुप से जुड़े न ही किसी मुस्लिम कट्टर पंथी पेज या ग्रुप से जुड़े जहा इस तरह की वाहियात बाते और पोस्ट होती हे | न ही हम अपनी फ्रेंड लिस्ट में किसी ऐसे शख्स को जोड़े जो किसी जो इस तरह के कमेन्ट और फोटो अपलोड करता हो | ऐसा अगर आप को कोई दिखे उसको अपनी लिस्ट से हटाये , और उसकी रिपोर्ट करे जरूरत पड़े तो उसकी शिकायत स्थानीय थाने में भी करे , अगर हम इस तरह का विरोध लगातार करेगे तो ऐसे , घटिया लोग जो इसतरह की धार्मिक भावनाओं को आघात पहुचाते हे , जरूर घुटने टेक देगे ,

 

मोका नहीं दे …..

लेकिन मेरे भाइयों अभी जो उदयपुर और डूगरपुर में हुआ इस तरह का विरोध या प्रदर्शन , इस तरह की हरकते बिलकुल गलत हे इससे न तो हम अपनी बात सही ढंग से रख पायेगे और न ही सही तरह से इसका विरोध जाता पायेगे | बल्कि और हम उनलोगों को मोका दे रहे है जो हमे आपस में लड़ा कर अपना मतलब साधना चाहते है |

डूगरपुर में विरोध का जुलुस निकला , कलेक्ट्री के आगे सभा होरही थी , पुलिस प्रशासन की उदासीनता की वहां कोई शरारती मोटरसाइकल वाला आया और सभा के बिच में घुस गया , सभा में मोजूद लोगो को उसको समझा के हटाना चाहिए था लेकिन उन्होंने उसकी पिटाई करदी , पुलिस ने लाठीचार्ज किया सब को खदेड़ा , करीब 6 दोपहिया वहां कुछ क्षति ग्रस्त हो गए और करीब 8 दुकानों के शीशे टूटे , पुलिस ने शाम तक 15 लिप्त लोगों की गिरफ़्तारी की | और यही से शुरू होगया सत्ता के लालची लोगो का खेल, चेंबर ऑफ कोमर्स के अध्यक्ष ने अपना तुगलकी फरमान जारी कर दिया की कल डूगरपुर बन्द रहेगा जो की पहले भी अपने पैसे के बल पर ऐसे मोको को राजनेतिक फायदे के लिए इस्तमाल कर चुके है | जिन्हें इंसानियत और धर्म से कोई लेना देना नहीं सिर्फ अपनी सत्ता और राजनेतिक फायदे की तलाश रहती है , और अब तो इन्होने प्रशाशन को धमकी भी दे डाली हे की आने वाले समय में अनिश्चित काल के लिए बंद होगा और करीब 1000 लोगों के खिलाफ मुकदमा दायर कर आग में घी डाला क्यों के पता नहीं कल को ऐसा फिर मोका मिले न मिले |

ऐसा ही कुछ यहाँ उदयपुर में भी हुआ फेसबुक पर अपलोड गलत चित्रों का विरोध सही था, लेकिन यहाँ भी सोमवार की रात कुछ अपने फायदे के लिए एक मुस्लिम युवा नेता ने उपद्रव फेला दिया जिसको पुलिस ने गिरफ्तार किया , और अगले दिन फेसबुक पर चित्रों का विरोध तो कही गया उनके समर्थक तोड़फोड़ पर उतर आये , जो की सरासर गलत है |

इसलिए मेरे प्यारे भाइयों एक हिन्दुस्तानी होने के नाते अपने हिन्दुस्तानी होने को पहचाने और ऐसे मोको पर सायं बरते सत्ता के लालची लोगों को आपसी भाई चारा बना के करार जवाब दे | अफवाहों पर नहीं जाये , और रही बात फेसबुक पर फोटो के अपलोड की बात तो ऐसे शर्मनाक कार्य की जितनी निंदा की जाये उतनी कम है , इसका विरोध करे लेकिन शांति से |

 

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