भवन निर्माण कार्य संकट में
उदयपुर, । बैंकों ने एक ओर ब्याज दरें बढा रखी हैं तो सरकार नित नये करों का प्रावधान कर जनता पर असाधारण महंगाई का बोझ लादती जा रही है। प्रोपर्टी मार्केट में प्रतिदिन जमीनें महंगी हो रही हैं वहीं सरकार प्रतिवर्ष डीएलसी दरें बढा रही हैं। इस पर माननीय उच्च न्यायालय के आदेशानुसार बजरी निकासी पर रोक को लेकर उत्पन्न होने वाली समस्याओं को रोक पाना मुश्किल हो गया है।
ये विचार आज उदयपुर बिल्डर्स एसोसिएशन के संरक्षक श्याम बी. गुप्ता ने पत्रकार वार्ता में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि भवन निर्माण का काम ठप हो जाएगा वहीं इस उद्योग में कार्यरत लाखों लोगों पर रोजी-रोटी का संकट हो जाएगा। भवन निर्माता ब्याज के बोझ से लद जाएंगे वहीं समय पर ग्राहकों को भवन, फ्लैट्स उपलब्ध नहीं करवा पाएंगे जिससे उनकी गुडविल पर विपरीत प्रभाव पडेगा। प्रोजेक्ट्स में देरी से अगले प्रोजेक्ट्स में देरी होगी जिसका सीधा असर व्यापार पर पडेगा।
एसोसिएशन के अध्यक्ष लोकेश चौधरी ने कहा कि निर्माण सामग्री की दरों में गत अप्रेल से इस वर्ष मार्च तक में औसतन ३० प्रतिशत की वृद्घि हो चुकी है जो अत्यधिक असहनीय है। इसका सीधा असर फ्लैैट्स की कीमतों पर पडेगा। पूर्व में कम दरों पर बुक किए गए फ्लैट्स पर उन्हें हानि होगी।
मुख्यमंत्री को दिए जाने वाले ज्ञापन में कहा गया कि रेती के कारण भवन निर्माताओं पर भारी ब्याज का बोझ पडेगा। प्रोजेक्ट्स पर कार्यरत कर्मचारी, मजदूर आदि की रोजी-रोटी पर बन आएगी। आपूर्तिकर्ताओं के व्यापार तथा उनके कर्मचारी-मजदूर भी प्रभावित होंगे। केन्द्र व राज्य सरकार के राजस्व पर विपरीत प्रभाव पडेगा।